हिसार

भाजपाईयों को निमंत्रण : भगाणा कांड पीडि़त स्थल पर खाना खाएं सरकार के मंत्री व नेता

हिसार,
भगाणा कांड संघर्ष समिति ने सरकार के मंत्रियों, विधायकों व अन्य नेताओं को लघु सचिवालय के पास चल रहे धरने पर आकर खाना खाने का निमंत्रण दिया है। समिति का कहना है कि यहां पर खाना खाकर पिछले 6 वर्ष से घरों से बाहर बैठे पीडि़तों की तरफ भी सरकार को ध्यान देना चाहिए लेकिन आशंका है कि ये नेता इस धरनास्थल पर नहीं आएंगे।
भगाणा कांड संघर्ष समिति के सतीश काजला व जगदीश काजला ने बताया कि भगाणा कांड पीडि़तों के सैकड़ों परिवारों को गांव घर से बेदखल, सामाजिक बहिष्कृत, रेप, गैंगरेप, गोली कांड, जातिगत मारपीट के बाद पलायन कर हिसार लघु सचिवालय व दूसरे गांव शहर कस्बों में शरण लिए 6 साल हो चुके हैं। 21 मई 2012 को दलित-पिछड़े 137 परिवारों को गांव भगणा के दबंग आरोपियों द्वारा पूरी पंचायती जमीन पर अवैध कब्जे कर पीडि़तों का सामाजिक बहिष्कार कर, चमार चौक पर कब्जा कर, 3 घरों के रास्ते बंद कर, जातिगत मारपीट व जान-माल का डर भय दिखाकर गांव छोडऩे पर मजबूर किया था जबसे दबंग, जिला प्रशासन हुडा सरकार ने पीडि़तों का जमकर शोषण किया। उन्होंने बताया कि राजद्रोह सहित दर्जनों झूठे मुकदमे दर्ज कर सैकड़ों पीडि़तों को ही जेल में ठोककर अपना दलित विरोधी रवैया दिखाया। लंबी यातनाओं, प्रताडऩाओं के बार भाजपा सरकार आने के बाद भगाणा के सैकड़ों पीडि़त परिवारों को न्याय की आस जगी लेकिन हुड्डा सरकार की तर्ज पर भाजपा सरकार में भी पीडि़तों पर अत्याचार, उत्पीडऩ और पलायन का दौर जारी रहा।
23 मार्च 2014 में 4 दलित बेटियों के अपहरण व गैंगरेप के बाद 95 परिवारों का पलायन, 25 अगस्त 2014 को ही पिछड़े वर्ग के लोगों पर दबंगों द्वारा जघन्य गोली कांड के बाद 8 परिवारों का पलायन, 8 मार्च 2015 को 9वीं कक्षा की दलित छात्रा का अपहरण एवं रेप और जातिगत मार-पीट की तो गांव में हर रोज की घटना है। जहां 6 साल के लंबे संघर्ष व शासन-प्रशासन की प्रताडऩा से सैकड़ों परिवार आर्थिक, मानसिक, शारीरिक, शैक्षिक आदि रूपों से तबाह-बर्बाद हो चुके हैं।
कई पीडि़त न्याय के संघर्ष में अन्याय के आगे दम तोड़ चुके हैं लेकिन संवेदनहीन प्रशासन व सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। वहीं प्रशासन व सरकार दलित हितैषी होने का नाटक कर रहे हैं और दलितों के घर जाकर सरकार के नेता मंत्री खाना खाने का ढोंग कर दलितों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। दूसरी ओर भगाणा के सैकड़ों पीडि़त परिवार 1 या दो दिन या साल से नहीं बल्कि पूरे 6 साल से न्याय की आस में बैठे हैं और कोई भी भाजपा सरकार का नेता-मंत्री सुध नहीं ले रहा और सरकार दलित हितैषी होने की बात करती है इसके विपरीत दलितों पर अत्याचार, उत्पीडऩ, रेप, बलात्कार बढ़ रहे हैं।

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