हिसार,
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मार्केट कमेटी सुपरवाइजर सोमनाथ के खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाने तथा उनकी मृत्यु के मामले की जांच क्राइम ब्रांच से करवाने की बात कही। मुख्यमंत्री आज सुबह पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में जन समस्याओं व शिकायतों की सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 82 लोगों की समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए उच्चाधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर विधायक डॉ. कमल गुप्ता, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, मुख्यमंत्री के ओएसडी कैप्टन भूपेंद्र, उपायुक्त अशोक कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक मनीषा चौधरी, हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन श्रीनिवास गोयल, पूर्व मंत्री प्रो. छत्तरपाल सिंह व भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पूनिया भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विश्राम गृह के मुख्य भवन से बाहर एक-एक कर सभी लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान आजाद नगर निवासी सरोज बाला ने अपनी बेटी ज्योति व बेटे सुशील के साथ मुख्यमंत्री के समक्ष गुहार लगाते हुए कहा कि उनके पति सोमनाथ मार्केट कमेटी में सुपरवाइजर थे और 2013 में विजिलेंस इंस्पेक्टर भूपेंद्र शर्मा ने उन्हें एक झूठे केस में फंसाया था। वर्ष 2017 में मानसिक तनाव के कारण उनके पति की मृत्यु हो गई। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की क्राइम ब्रांच से जांच करवाई जाएगी।
एक अन्य मामले में मोहब्बतपुर के बलवंत सिंह ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई कि उनके भाई हनुमान सिंह ने 2014 से उनकी जमीन पर कब्जा कर रखा है और उनका आपस में झगड़ा चल रहा है। इस मामले में न्यायालय ने भी उनके पक्ष में फैसला दिया है। इस पर उन्होंने पुलिस अधीक्षक मनीषा चौधरी को मामले में उपयुक्त पुलिस कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
लाडवा के रोशनलाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि सातरोड़ कलां के राजेंद्र ने उनके खेत का पक्का नाला तोड़ दिया और वे इस मामले की शिकायत सीएम विंडो पर भी कर चुके हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि वे कल उपायुक्त से मिलें, उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। कैमरी के ओमबीर ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई कि मार्च 2018 में उनके 20 वर्षीय बेटे रविंद्र का मर्डर हो गया था जबकि पुलिस इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं कर रही। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षक को इस मामले में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इस दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष तबादलों, सीएम विंडो, बिजली, पैसों के लेन-देन संबंधी विवाद, अवैध कब्जों, पेयजल, बैंक लोन सहित विभिन्न प्रकार की शिकायतें लोगों ने रखी जिनकी सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने इनके समाधान के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।