हिसार,
शहर में चल रहे अवैध छात्रावास में जेजे एक्ट का उल्लंघन करते हुए बच्चों को रखने मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीन महता द्वारा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को भेजी गई शिकायत पर आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग के रजिस्ट्रार डॉ. जगन्नाथपति ने महिला एवं बाल विभाग विभाग के मुख्य सचिव को पत्र भेज कर इस मामले की जांच कर आगामी 30 दिनों में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसी पत्र की एक प्रतिलिपि शिकायतकर्ता को भी प्रेषित की गई है।
आयोग ने सवाल उठाया कि बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे ये छात्रावास व इनमें रहने वाले बच्चों की सुरक्षा व देखभाल की क्या उचित व्यवस्था है। आयोग ने कहा कि इस मामले में जिला बाल कल्याण समिति को इन बच्चों को लेकर क्या जानकारी है। इन बच्चों की पूरी जानकारी जुटाने सहित आयोग ने संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली को चिह्नित करते हुए कहा कि उक्त विभिन्न पहलुओं पर जांच करने तथा अगर ये छात्रावास जेजे एक्ट सेक्शन 2015 (41) के तहत रजिस्ट्रर नहीं है तो इनके खिलाफ जेजे एक्ट सेक्शन 2015 (42) के तहत उचित कार्रवाई करे और इसकी रिपोर्ट 30 दिनों के अंदर पूरे तथ्यों के साथ राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग को भेजी जाए।