हिसार,
जिलावासियों को अब भूमि की पैमाइश के लिए लंबे इंतजार और अनाप-शनाप खर्च से मुक्ति मिलने जा रही है। यह संभव हुआ है नई टोटल सर्वे मशीन व ई-पैमाइश एप के माध्यम से। भूमि पैमाइश के कार्य को पारदर्शी व तीव्र बनाने के लिए प्रशासन की योजना 1 जून तक ई-पैमाइश एप लॉन्च करने की है जिसका फिलहाल परीक्षण चल रहा है। साथ ही राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा द्वारा संचालित सुभाष चंद्रा फाउंडेशन द्वारा आज प्रशासन को नई टोटल सर्वे मशीन उपलब्ध करवाई गई है।
मिली 7 लाख कीमत की मशीन
सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा के निजी सचिव अनिल कुमार व टीम सदस्यों ने सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी) योजना के तहत आज उपायुक्त अशोक कुमार मीणा को उनके कार्यालय में नई टोटल सर्वे मशीन सौंपी। लगभग 7 लाख रुपये कीमत की इस आधुनिक मशीन से भूमि की तेज गति से मार्किंग व पैमाइश की जा सकती है। टोटल सर्वे मशीन का संचालन डीआईटीएस (जिला सूचना प्रोद्यौगिकी समिति) द्वारा किया जाएगा।
10 दिन में लॉन्च होगा ई-पैमाइश एप
उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि भूमि पैमाइश के कार्य करवाने हेतु आमजन को न केवल लंबा इंतजार करना पड़ता था बल्कि बाजार में निजी कंपनियों के माध्यम से बहुत ज्यादा फीस देकर पैमाइश करवानी पड़ती थी। आमजन को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जिला में दो नए कार्य किए गए हैं। पहला, यहां ई-पैमाइश एप तैयार किया गया है जिसे अगले 10 दिनों में लॉन्च करने की योजना है, दूसरा जिला को नई टोटल सर्वे मशीन उपलब्ध हो गई है।
पंजीकरण होते ही मिलेगी पैमाइश की तारीख
उन्होंने बताया कि ई-पैमाइश एप किसी भी मोबाइल पर इंस्टॉल किया जा सकता है। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी भूमि की पैमाइश हेतु रजिस्टे्रशन करवा सकता है। रजिस्ट्रेशन होते ही उसे पंजीकरण संख्या मिल जाएगी और उसी समय उसे मोबाइल पर यह संदेश मिलेगा कि वरिष्ठता के आधार पर उसकी भूमि पैमाइश किस तारीख को किस टीम द्वारा की जाएगी। यह प्रणाली पूरी तरह से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर कार्य करेगी और इससे किसी सिफारिशी व्यक्ति की पैमाइश पहले करने की आशंकाएं भी खत्म हो जाएंगी। इससे आवेदक को पैमाइश का दिन-समय पूछने के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे तथा उसे समयबद्ध व त्वरित सेवा मिल सकेगी। जिला सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा तैयार करवाए गए इस एप का फिलहाल परीक्षण किया जा रहा है और इसे 1 जून तक जिला में लॉन्च करने की पूरी संभावना है।
बाजार से आधी कीमत पर होगी पैमाइश
उन्होंने बताया कि जिला में पहले से दो टोटल सर्वे मशीनें उपलब्ध हैं लेकिन पुरानी होने तथा उनकी कार्यक्षमता कम होने के चलते वे अपेक्षित तेजी से कार्य नहीं कर पा रही हैं। इसका गलत फायदा बाजार में निजी मशीनें रखने वाले लोग उठाते हैं और भूमि पैमाइश करवाने वाले व्यक्तियों से ज्यादा कीमत वसूलते हैं। आज सुभाष चंद्रा फाउंडेशन की ओर से जिला को नई व आधुनिक टोटल सर्वे मशीन मिली है जिससे भूमि पैमाइश का कार्य तेज गति से होगा। यदि जरूरत हुई तो जिला के लिए और मशीनें भी खरीदी जाएंगी। इससे आमजन से मनमानी कीमतें वसूलने वाली कंपनियों पर लगाम लगेगी और लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान बाजार दर के मुकाबले आधी से भी कम कीमत पर भूमि पैमाइश की सुविधा आमजन को प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर जिला सूचना अधिकारी एमपी कुलश्रेष्ठ, सुभाष चंद्रा के निजी सचिव अनिल कुमार, टीम सदस्य नरेंद्र दिनौदिया, विजयपाल व राधेश्याम आदि उपस्थित थे।