आदमपुर (अग्रवाल)
खरीफ की फसल के सीजन को ध्यान में रखते हुए तथा ग्वार की अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को बिजाई से पूर्व ही कृषि विभाग के अधिकारी व ग्वार विशेषज्ञ संयुक्त रूप से मिलकर उचित समय पर बिजाई करने, संतुलित खाद तथा अनावश्यक खरपतवारनाशक दवा प्रयोग न करने पर किसानों को जागरूक करने में लगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सेवानिवृत कृषि वैज्ञानिक डॉ. ओपी नेहरा की देखरेख में ग्वार विशेषज्ञ के सहयोग से गांव खैरमपुर में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
डॉ. नेहरा ने संबोधित करते हुए कहा कि बिजाई से पहले अपने खेत की पानी व मिटटी की अवष्य जांच करवाएं। उन्होंने खाद का प्रयोग मिट्टी के जांच के आधार पर ही करने की सलाह दी। इसके साथ साथ उन्होंने खेती की पुरानी पद्धति छोड़कर नई तकनीक अपनाकर खेती करने पर विशेष जोर दिया और किसानों से आह्वान किया कि वे कृषि वैज्ञानिकों व अधिकारियों के संपर्क में रहे जिससे किसानों को आधुनिक तकनीक की जानकारी मिलती रहे। कोई भी बीज व दवाई खरीदते समय किसान विक्रेता से पक्का बिल अवश्य लें।
ग्वार विषेषज्ञ डॉ. बीडी यादव ने किसानों को समय से पहले ग्वार की बिजाई न करने का आहान किया और ग्वार की बिजाई मई माह में न करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से फसल की बढ़वार ज्यादा हो जाएगी और फसल गिरने का डर भी ज्यादा रहेगा और फल भी कम आएगा तथा पैदावार पर भी विपरीत असर पड़ेगा। डॉ. यादव ने कहा कि जिन क्षेत्रों में जहां पानी की पूरी सुविधा है, वहां किसानों की आम धारणा रहती है कि कपास की बिजाई करने के बाद वे अपने खेत में पानी लगाकर मई माह में ग्वार की बिजाई करने लग जाते हैं। ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि इस समय ग्वार की बिजाई कदापि न करें। डॉ. यादव ने ग्वार की बिजाई के लिए जून माह का दूसरा पखवाड़ा सबसे उचित बताया तथा ग्वार की बिजाई बीज उपचार करने के बाद ही सलाह दी।
ग्वार विशेषज्ञ ने किसानों को आगाह किया कि खड़ी फसल में किसी भी खरपतवारनाशक दवाई का प्रयोग न करे, क्योंकि इससे ग्वार फसल के पत्ते कुछ समय के लिए पीले पड़ जाते है तथा 12 से 15 दिनों तक बढ़वार भी रूक जाती है और आगामी फसल सरसों के जमाव व पैदावार पर विपरीत असर पड़ता है। शिविर में मौजूद 85 किसानों को बीजोपचार के लिए एक एकड़ की दवाई तथा बीजोपचार करने के लिए एक जोड़ी दस्ताने तथा स्प्रे करते समय किसी तरह का नुकसान न हो इसके लिए एक-एक मास्क सैंपल के तौर पर दिए गये। इस अवसर पर गांव के प्रगतिशील किसान राजेंद्र गोदारा, भगवान सिंह गोदरा, इन्द्रपाल, सतपाल, राममूर्ति, पूर्णसिंह, रामकुमार, अमरसिंह आदि मौजूद थे।