बिजनेस हिसार

सरकार का मौजूदा जीएसटी कानून किसी वर्ग के हित में नहीं

हिसार।
अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने कहा है कि विश्व के देशों में जहां-जहां भी जीएसटी लागू है, उस देश में सभी वस्तुओं पर टेक्स की दरें एक हैं, मगर भारत एक ऐसा देश है जहां पर टैक्स फ्री वस्तुओं के अलावा 6 प्रकार के अलग-अलग टैक्स लगाये गये हैं। यही नहीं देश के अलग-अलग राज्यों को अनाज व कई आइटमों पर टैक्स लगाने का अधिकार दिया गया है, जो सरासर गलत है।
अग्रसेन भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बजरंग दास गर्ग ने कहा कि व्यापारियों का जो 30 जून तक का स्टॉक बचा हुआ है उसकी लिस्ट व्यापारियों को 60 दिन के अंदर-अंदर सरकारी विभाग में ऑनलाईन जमा करवानी होगी, मगर स्टॉक भरने का जो फार्म सरकार ने बनाया है, वह बहुत ही जटिल है। व्यापारी उस फार्म को भरने की स्थिति में नहीं है, जबकि व्यापारियों का जो माल का स्टॉक है, उसका वैट कर व एक्साइज ड्यूटी व्यापारियों ने सरकार को दे रखा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने जीएसटी में व्यापारियों को इतना उलझा दिया है कि व्यापारी अपना व्यापार ना करके उसका लेखा-जोखा रखने में ही रह जायेगा, जबकि देश में लगभग व्यापार व उद्योग पहले ही नुकसान में चल रहे हैं। आज व्यापारी बैंक के कर्जों तले दबता जा रहा है, उपर से केन्द्र सरकार जीएसटी में कपड़ा, साड़ी, चीनी, धूप, अगरबत्ती जैसी अनेक वस्तुओं पर टैक्स लगाने जा रही है व आम उपयोग में आने वाली वस्तुओं पर टैक्स कम करने की बजाये उन पर टैक्स बढ़ा कर 28 व 18 प्रतिशत तक किया गया है।
बजरंग दास गर्ग ने कहा कि जब केन्द्र सरकार जीएसटी के तहत पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली कानून लागू करने जा रही है तो किसानों की फसल पर हरियाणा में अलग से मार्केट फीस (मंडी टैक्स) लगाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता। किसानों की फसल एमआरपी रेटों पर भी सरकार खरीद नहीं कर रही। अगर अनाज पर मार्केट फीस लगाई गई तो उसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर व्यापारी जीएसटी टैक्स भरने में लेट हो जाये या कागज कार्यवाही में गलती होने पर सजा का प्रावधान सरकार ने रखा है और उसके अलावा पैसे वसूलने के लिए व्यापारियों की प्रोपर्टी अटैच करने का कानून भी बनाया है। व्यापारी देश का सम्मानित नागरिक है जो केन्द्र व प्रदेश सरकार को ईमानदारी से अरबों रुपये टैक्स देकर सरकार का खजाना भरता है। ऐसे में व्यापारियों के साथ सजा व प्रोपर्टी अटैच करने का जो कानून बनाया है वह सरासर गलत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली से मांग की है कि वह जीएसटी टैक्स प्रणाली कानून को अपने स्तर पर जांच करके देश के व्यापारी व आम जनता के हित में उसे पूरी तरह सरलीकरण करे। अगर जीएसटी में सरलीकरण नहीं किया गया तो देश में व्यापार पूरी तरह से पिछड़ जायेगा और करोड़ों लोग बेरोजगार हो जायेंगे, जबकि हर देश की तरक्की व्यापार व उद्योग पर निर्भर करती है।
इस मौके पर महाराजा अग्रसेन ट्रस्ट के प्रधान अंजनी कुमार खारिया, व्यापार मंडल संरक्षक पवन गर्ग, अनाज मंडी प्रधान संतकुमार सिंगल, व्यापार मंडल प्रदेश सचिव जगदीश तायल, कॉटन एंड जीनर एसो प्रधान धर्मपाल गुप्ता, खल चूरी एसो. प्रधान तिरलोक कंसल, सत्यनारायण मंदिर प्रधान अशोक गुप्ता, महाराजा अग्रसेन चेरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल उपप्रधान मनीराम अग्रवाल व्यापार मंडल के संगठन मंत्री राजेन्द्र बंसल आदि प्रतिनिधि मौजूद थे।

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