नई दिल्ली,
लश्कर आतंकियों ने एक ऐसा मोबाइल फोन बनाया है जिसकी कॉल पकड़ (कॉल इंटरसेप्ट) पाना सुरक्षा एजेंसियों के बस के बाहर की बात हो रही है। मुंबई धमाकों के सूत्रधार हाफिज सईद के संगठन लश्कर की अल मुहम्मदिया स्टुडेंट्स इकाई ने यह मोबाइल हैंडसेट बनाया है। खुफिया एजेंसियों के हवाले से मीडिया में आई रिपोर्ट में यही दावा किया गया है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक यह मोबाइल लश्कर आतंकियों के आपस में बातचीत करने के लिए बनाया गया है। इसमें एक खास तरह की चिप लगाई जाती है जिससे यह आसपास के मोबाइल टॉवर से नेटवर्क लेने लगता है और टेलीकॉम ऑपरेटर को इसकी खबर तक नहीं होती। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि इन मोबाइल फोन से की गई कॉल को भारतीय सुरक्षा एजेंसियां नहीं पकड़ सकती। अगर वह किसी तरह से कॉल पकड़ भी लेंगी तो वह तुरंत कट जाएगी। इसका खुलासा मुलतान में प्रशिक्षित लश्कर आतंकी जइबुल्ला उर्फ हमजा ने किया है।
एनआईए ने अप्रैल में पकड़ा था हमजा को
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 20 वर्षीय हमजा को 7 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के जुडगियाल क्षेत्र से पकड़ा था। वह पाकिस्तान के एक आयकर अधिकारी की संतान है। पूछताछ में हमजा ने दावा किया कि लश्कर ने 2017 में 450 बच्चों को आतंकी प्रशिक्षण दिया। इन बच्चों को भारत विरोधी ऑपरेशन के लिए पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों से चुना गया। इनमें से कुछ चयनित बच्चों को सघन सैन्य प्रशिक्षण दिया गया है। इनकी उम्र 15 से 25 साल के बीच है। लश्कर इन बच्चों को बुरहान वानी के नाम पर कट्टर बना रहा है।