हिसार

एवरेस्ट फतेह करने वालों को मिले 25 लाख रुपए व सरकारी नौकरी—प्रो.सम्पत सिंह

हिसार,
पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रो. सम्पत सिंह ने कहा कि विश्व की सबसे ऊंची चोटी मांऊट एवरेस्ट को फतेह करने वाली युवती व युवकों को 25 लाख रूपये नगद तथा विश्व विजेता खिलाडियों के बराबर सरकारी नौकरी देनी चाहिए। उन्होंनें कहा कि सबसे छोटी उम्र की शिंवागी पाठक, रोहताश खलेरी व नवदीप बाजिया तीनों हिसार के ही रहने वाले हैं जिन्होनें विश्व की सबसे ऊंची चोटी मांउट एवरेस्ट पर तिरंगा झंडा लहरा कर प्रदेश और देश का नाम विश्व में रोशन किया हैं। इन तीनों पर्वतोंरोहियों का सम्बन्ध बहुत ही साधारण परिवारों से हैं। इनके परिवारों ने लाखों रूपये कर्जा लेकर इस जानलेवा अभियान को पूरा किया हैं। इन्होंनें विषम परिस्थितियों भयानक बर्फीले तुफानों का मुकाबला करते हुए देश को एक संदेश दिया की लग्न और बुंलद हौंसलों से अपनी मंजिल प्राप्त की जा सकती है।

मुख्यबिंदू

*शिंवागी पाठक, रोहताश खलेरी व नवदीप बाजिया को सरकार दे 25 लाख रुपए व सरकारी नौकरी।

*अफरशाही नेताओं की अज्ञानता का फायदा उठाकर विश्वस्तरीय खिलाड़ियों का करवा रही है अपमान।

*हुड्डा राज में माउंट एवरेस्ट विजेता खिलाड़ियों को दी गई नौकरियां।

*राष्ट्र मंडलीय खेलों में पदक पाने वाले हर हरियाणावासी खिलाड़ी को मिले पूरा सम्मान।

उन्होनें कहा कि चौ. भूपेंद्र सिंह हुडडा के कार्यकाल में मांऊट एवरेस्ट विजेता ममता सौदा को हरियाणा पुलिस में डीएसपी लगाया गया था। इस उपलब्धि से प्रेरणा पाकर हरियाणा प्रदेश के कई युवाओं व युवतियों ने इस विश्व की सबसे ऊंची चोटी को फतेह किया है। हिसार की रहने वाली अनिता कुंडू देश में एकमात्र ऐसी महिला है जिसने ऊंची चोटी मांउट एवरेस्ट को नेपाल और चीन दोनों तरफ से फतेह किया है और अब सात महाद्वीपों की सभी सबसे ऊंची चोटीयों पर विजय पाने का अभियान शुरू कर चुकी है।
जब ममता सौदा को डीएसपी नियुक्त किया गया था तब मांउट एवरेस्ट चोटी फतेह करने को विश्वस्तरीय खेलों के बराबर मान्यता प्राप्त थी। परंतु इसके बाद कुछ अफसरशाही ने मांउट एवरेस्ट विजेताओं को खेल की श्रेणी से ही बाहर निकाल दिया। इसके बाद चौं. भूपेंद्र सिंह हुडडा ने फिर दोबारा अनिता कुंडू, सुषमा व कान्ता को पुलिस में सब इंस्पेक्टर नियुक्त किया था। अफसरशाहोें की दलील थी कि पद और नगद इनाम प्राप्त करने के लिए काफी नौजवान आगे आ रहे है। उनको इतनी समझ नहीं थी कि यदि हमारे युवा विश्वस्तरीय विजय हासिल करते है तो देश का नाम रोशन होता है। यही अफसरशाही अब भी राजनेताओं की अज्ञानता का फायदा उठाकर विश्वस्तरीय खिलाड़ियों का अपमान कर रहे है। यदि खिलाड़ियों का यू ही अपमान चलता रहा तो देश को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मैडल प्राप्त करने व मांउट एवरेस्ट पर तिंरगा झंडा लहराने वालों का नाम सुनने के लिए ही नहीं मिलेगे।
उन्होनें कहा कि राष्ट्र मंडलीय खेलों में पदक पाने वाले हर हरियाणावासी खिलाड़ी को पूरा सम्मान देना चाहिए। उन्होनें कहा कि मांउट एवरेस्ट चोटी को फतेह करने को विश्वस्तरीय खेलोें के बराबर मान्यता देनी चाहिए।

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