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आदमपुर एग्जिट पोल : जानें कौन जीत रहा है उपचुनाव, कितने वोटों से होगी जीत

आदमपुर,

आदमपुर उपचुनाव समपन्न हो चुका है। आदमपुर में 131401 यानि 76.51 प्रतिशत वोट पड़े। अब बात करते है कि आदमपुर के मतदान के बाद तस्वीर साफ हो चुकी है। अब यहां से ये बिल्कुल साफ हो गया है कि कौन चुनाव जीत रहा है और कौन किस नम्बर पर आ रहा है।

सबसे पहले बात करते है कि इस चुनाव में क्या विशेष रहा। सबसे पहले बात करते है आम आदमी पार्टी की। आम आदमी पार्टी ने आदमपुर उपचुनाव के जरिए अपनी एंट्री हरियाणा में की है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भंगवत मान ने आदमपुर में आकर तहलका मचाने की कोशिश की। लेकिन उनको आदमपुर में कोई फायदा नहीं मिला। टिकट की घोषणा होते ही पार्टी में बगावत हो गई और आदमपुर का पूरा संगठन पार्टी को छोड़कर चला गया। इसके बाद यहां आम आदमी पार्टी की पकड़ ढ़ीली पड़ती गई। इसके बाद भी आम आदमी पार्टी के लिए राहत की बात यह है कि उसे प्रत्येक बूथ पर वोट मिलते हुए नजर आए है। इस सबके बाद भी आदमपुर उपचुनाव में आम आदमी पार्टी प्रत्याशी की हालत काफी खराब है। दिनभर अलग—अलग गांव से रिपोर्ट ए​कत्रित करने के बाद ये साफ है कि आम आदमी पार्टी प्रत्याशी की जमानत नहीं बच पायेगी।

आम आदमी पार्टी के बाद बात करते है कि इनेलो की। इनेलो की शुरुआत अच्छी नहीं रही। इनेलो के कार्यकर्ता भी कांग्रेस की झोली में जाते हुए दिखाई देने लगे थे। लेकिन अभय चौटाला ने आदमपुर की कमान को संभाली और अपने कार्यकर्ताओं को वापिस इनेलो के पक्ष में लाने में कामयाब भी रहे। 31 अक्टूबर को बालसंमध में इनेलो की रैली में पार्टी प्रत्याशी कुरड़ाराम नम्बरदार ने काफी भावुक भाषण देते हुए पगड़ी लोगों के आगे रख दी। उनकी पगड़ी रखते ही पूरा माहौल बदल गया। बालसमंध बेल्ट में जहां वे पहले तीसरे नम्बर पर चल रहे थे, वे झट से नम्बर वन आ गए। कुरड़ाराम नम्बरदार को बालसमंध बेल्ट के साथ पूरे जाट लैंड से अच्छे वोट मिल रहे हैं। इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को हो रहा है। लेकिन इस सबके बाद भी इनेलो आदमपुर के रण में जमानत बचाती हुई नजर नहीं आ रही। वोट अच्छे लेने के बाद भी इनेलो की जमानत जब्त होनी तय मानी जा रही है।

अब बात करते है कांग्रेस की..कांग्रेस की तरकस में आदमपुर उपचुनाव के लिए ब्रह्मास्त्र जयप्रकाश जेपी ही था। बाकि जिन दावेदारों की बात चली थी उनमें सबसे दमदार जयप्रकाश ही थे। जयप्रकाश के समर्थन में पूर्व सीएम चौ.भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दिपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिन रात एक कर दिया। बाप—बेटे के जोरदार प्रचार और जयप्रकाश जेपी के अंदाज ने आदमपुर के चुनाव को काफी रोचक बना दिया। दिन—रात दिपेंद्र सिंह हुड्डा के वर्करों ने यहां मेहनत की। इसके चलते गढ़ होते हुए भी कुलदीप बिश्नोई के समर्थकों की सांसे उपर—नीचे होती रही। मुकाबला इतना अधिक नजदीक आ गया कि लोगों ने कुछ भी हो सकता है—जैसे वाक्य का भी प्रयोग करना आरंभ कर दिया। सरकार से नाराज कर्मचारियों और किसानों को खुलकर साथ मिला। इस सबके बावजूद कांग्रेस इस चुनाव को हार रही है। जी हां, कांग्रेस इस चुनाव में नम्बर 2 पर ही रहेगी। नम्बर 2 पर ही नहीं, बल्कि उसे यहां एक बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा।

सबसे लास्ट में बात करते है भाजपा की। भाजपा की टि​कट पर चौ.भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई आदमपुर के रण में उतरे। 26 साल के युवा भव्य बिश्नोई के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके पिता से नाराज वोटरों को मनाने की थी। अब एक बात यहां साफ समझ लो इस बार आदमपुर उपचुनाव में दो ही पक्ष काम कर रहे थे। एक पक्ष का कुलदीप बिश्नोई और सरकार से नाराज वोटर और दूसरा पक्ष था कुलदीप बिश्नोई और सरकार के समर्थक वोटर। नाराज वोटर पहले एकजुट होकर कांग्रेस की झोली में जाते हुए दिखाई दे रहे थे। यह बात दिवाली से पहले की है। उस समय मुकाबला काफी नजदीकी दिखाई दे रहा था। भाजपा की जीत का मार्जन 10 हजार से नीचे तक खिसक गया था। दिवाली के पहले दिन कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई ने भाजपा के संगठन के साथ मिलकर जिसप्रकार धरातल पर मेहनत की उसने पूरी तस्वीर को एक बार फिर से भजनलालमय कर दिया। आदमपुर हलके में फिर से चौधरी भजनलाल के नाम का इमोशनल कार्ड खेला गया। आदमपुर की चौधर का पत्ता फैंका गया। डिप्टी स्पीकर रणवीर गंगवा ने यहां काफी मेहनत की। गृहमंत्री अनिल विज और सीएम मनोहर लाल खट्टर ने जिसप्रकार भव्य बिश्नोई पर अपना हाथ रखा, आदमपुर के लोगों को फिर से सत्ता पास आती हुई दिखाई दी। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की बालसमंध रैली ने भी जीत के ग्राफ को उंचा करने का काम किया। इन सब फैक्टर ने मिलकर आज की वोटिंग पर काफी सार्थक असर डाला। कुलदीप बिश्नोई समर्थक गांवों में जमकर वोटिंग हुई। इस सबका आंकलन करने के बाद आदमपुर में भाजपा की जीत तय हो चुकी है। भाजपा आदमपुर उपचुनाव 20 हजार से ज्यादा वोटो से जीत रही है। जी हां, चबरवाल, सदलपुर, किशनगढ़, खारा बरवाला, आदमपुर शहर, आदमपुर गांव, सीसवाल, ढ़ाणी सीसवाल, चौधरीवाली से मिलने वाली बड़ी लीड़ आगे पूरे हलके में कहीं टूटती हुई नजर नहीं आ रही। कुल मिलाकर भव्य बिश्नोई आदमपुर से 20 हजार से ज्यादा वोटों से जीतकर विधानसभा में पहुंच रहे है।

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