नई दिल्ली,
वेतन बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर बैंक यूनियनों और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) के बीच सहमति नहीं बन पाई है। इसके बाद 10 लाख से भी ज्यादा बैंक कर्मचारी 30 मई से हड़ताल पर जाएंगे। इनकी हड़ताल दो दिन चलेगी। इससे बैंकिंग व्यवस्था ठप पड़ सकती है।
बैंक यूनियन AIBOC के जनरल सेक्रेटरी रविंदर गुप्ता ने कहा कि हमने हड़ताल को लेकर आईबीए को 25 दिन पहले ही नोटिस दे दिया था। लेकिन आईबीए इस दौरान बैंक कर्मचारियों के साथ समझौता करने में विफल रहा। उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारियों को उनकी मेहनत के बदले फायदा नहीं मिल रहा है।
बैंक कर्मचारी यूनियनों के हड़ताल पर जाने का असर बैंकिंग सेवाओं पर दिखना तय माना जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक समेत अन्य कई बैंकों ने कहा है कि अगर कर्मचारियों की ये हड़ताल होती है, तो इसकी वजह से उनकी बैंकिंग सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
दरअसल यूनाइटेड फॉरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने 30 और 31 मई को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। ये लोग वेतन में मामूली सी बढ़ोतरी के प्रस्ताव के विरोध में यह आंदोलन कर रहे हैं।
इससे आशंका जताई जा रही है कि 30 और 31 मई को हड़ताल की वजह से ज्यादातर सरकारी बैंकों में बैकिंग सेवाओं को लेकर दिक्कतें पेश आ सकती हैं।
बैंक यूनियनों के मुताबिक इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने उनके वेतन में 2 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। उनका कहना है कि यह ना के बराबर है। इसी के विरोध में उनकी हड़ताल है।
भारतीय स्टेट बैंक, कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा और पंजाब एंड सिंध बैंक ने कहा है कि बैंक कर्मचारियों की इस हड़ताल का असर उनकी तरफ से दी जाने वाली बैंकिंग सेवाओं पर पड़ सकता है। पंजाब एंड सिंध बैंक ने यह भी कहा है कि वह हड़ताल के दौरान बैंकिंग सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने की कोशिश कर रहा है।
यूनाइटेड फॉरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) में बैंक कर्मचारियों की कई यूनियनें शामिल हैं। इसमें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफडरेशन (AIBOC), ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) समेत अन्य कई यूनियने आती हैं। बुधवार और गुरुवार को हड़ताल की वजह से आपको बैंकिंग के काम में दिक्कत आ सकती है।