आदमपुर (अग्रवाल)
आदमपुर रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा स्थापित चौकी को अब रेलवे प्रशासन ही हटवाना चाहता है। रेलवे प्रशासन की दलील है कि हमारे पास जगह नहीं है और जो रेस्ट हाउस पुलिस चौकी के लिए दिया गया था उसे तोड़कर यह नया इलेक्ट्रॉनिक्स पैनल बनना है। लेकिन अगर यह पुलिस चौकी यहां से हटती है तो अपराधियों को फिर से सिर उठाने का मौका मिल सकता है।
2014 में रेलवे स्टेशन पर पार्षद ईश्वर बगला हत्याकांड के बाद लोगों के जबरदस्त प्रदर्शन के चलते रेलवे विभाग ने यह पुलिस चौकी बनाई थी उससे पहले यहां कई ऐसी वारदातें हो चुकी थी जिससे यात्रियों को बड़ी परेशानी हो रही थी। लेकिन अब यही प्रशासन इसे को यहां से हटाना चाहता है । आदमपुर का रेलवे स्टेशन काफी व्यस्त रेलवे स्टेशन है क्योंकि यहां 3 बड़े शिक्षण संस्थान हैं। आईटीआई,राजकीय बहुतकनीकी तथा राजकीय महाविद्यालय में हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं का आना जाना रहता है। साथ ही सामान्य यात्रियों का भी यहां जमावड़ा रहता है इसलिए स्थानीय लोगों ने बड़ी मुश्किल से इस पुलिस चौकी को यहां बनवाया था लेकिन रेलवे अधिकारी अब हर कीमत पर इस पुलिस चौकी को यहां से उठवाना चाहते हैं।
चौकान्ने वाली बात तो यह कि कई बार अपराधिक तत्वों ने रेलवे अधिकारियों को भी अपना निशाना बनाया है। आदमपुर की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं ने भी यहां से पुलिस चौकी हटाने का विरोध किया है । व्यापार मंडल आदमपुर के प्रधान लीलू राम कहना है कि अगर यहां से पुलिस चौकी हटाई गई तो 2014 के हत्याकांड वाली घटना की पुनरावृति हो सकती है। आम यात्रियों को असामाजिक तत्वों से खतरा है। इसलिए यहां पुलिस चौकी होनी जरूरी है। आदर्श युवा क्लब, भारत विकास परिषद एवं ग्राम पंचायत आदमपुर, मंडी आदमपुर और जवाहर नगर सभी ने मिलकर यहां से पुलिस चौकी हटाने का विरोध किया है।