आदमपुर (अग्रवाल)
किसान अपनी मांगों को लेकर 1 जून से देशव्यापी आंदोलन कर रहे है। बिना संगठन के इस आंदोलन के परिणाम कुछ भी आए लेकिन नुकसान गरीब और छोटे व्यापारियों को ही हो रहा है। यहां तक की दूध व सब्जी विक्रेता भी खासे परेशान है। शनिवार को सब्जी विक्रताओं की गाडिय़ों को जिस तरह सदलपुर व अन्य गांवों में रोकने की घटना से यहां के दुकानदारों में भय का माहौल बना है।
वहीं दूधिये भी गलियों में दिखना बंद हो गए है। कुछ दूधिये व डेयरी संचालक भय के साये में अपना कारोबार करने को मजबूर है। इन विक्रेताओं को कहना है कि कुछ लोग आंदोलन के नाम पर गुुुंडागर्दी कर रहे है। वे फतेहाबाद व हिसार की मंडियों से फल व सब्जियां ला रहे है। वहां भी किसी किसान ने ही फल व सब्जी बेची है।
इसी तरह आदमपुर के डेयरी संचालकों का कहना है कि गांव से दूध नही आने दिया जा रहा लेकिन जो आदमपुर की डेयरियां है वो आदमपुर में ही सप्लाई दे रहे है इससे गांव के किसानों को तकलीफ क्यों हो रही हैै। वहीं आदमपुर पुलिस ने भी एहतियात के तौर पर क्षेत्र में 6 जगह नाके लगाए है। ताकि आंदोलन के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों से सख्ती से निपटा जा सके।
आदमपुर पुलिस वीडियो पर नहीं कर रही कार्रवाई
सदलपुर में सरेआम सब्जी की गाड़ी को लूटकर गौशाला में खिलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भी पुलिस ने इस मामले पर आंख मूंद ली है। जबकि सरकार और डीजीपी ने साफतौर पर निर्देेश दे रखे है कि किसान आंदोलन के नाम पर व्यापारियों या दूधवालों को रोककर जबरन लूटपाट करने वालों की सूचना मिलते ही पुलिस अपने स्तर पर ही कार्रवाई करे। लेकिन आदमपुर पुलिस द्वारा इस मामले पर आंख मूंद लेना सवाल पैदा करता है।