पानीपत (प्रवीण भारद्वाज)
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को पानीपत की ऐतिहासिक धरती से मौजूदा भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का ऐलान किया। उन्होंने हूंकार भरी कि जब तक सत्ता और व्यवस्था परिवर्तन नहीं होता है, वह चैन से नहीं बैठेंगे और ना ही सरकार को बैठने देंगे।उन्होंने कहा कि चार साल का समय सरकार को दिया था कि वह जनहित में काम करे, लेकिन इन चार साल में सरकार पूरी तरह नाकाम रही है और प्रदेश के अमन-भाईचारे को ठेस पहुंचाने का काम किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री यहां पानीपत के समालखा की अनाज मंडी से जनक्रांति यात्रा के दूसरे चरण की शुरूआत के मौके पर अभूतपूर्व रैली को संबोधित कर रहे थे। जेठ की गर्मी के बीच भारी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं के हुजूम से रूबरू होते हुए हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार से हर वर्ग पूरी तरह दुखी है। आज के समय में सरकार से किसान, मजदूर, व्यापारी, कर्मचारी समेत समाज के तमाम वर्ग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि वह पिछले चार साल से जनता की आवाज सरकार तक पहुंचा रहे थे, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। अब आवाज पहुंचाने की बजाए सरकार को प्रदेश से भगाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता प्राप्त करने के लिए जनता से पूर्व में भाजपा ने 154 वादे किए थे और सत्ता मिलते ही सारे वादों को भूला दिया गया।
भीड़ से उत्साहित हुड्डा ने कहा कि अब उनका रथ तभी रूकेगा, जब प्रदेश की सत्ता से मौजूदा जनविरोधी सरकार को उखाड़ कर फेंक देंगे। उन्होंने कहा कि यह सत्ता और व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई है। इसमें हर आदमी की आहूति की जरूरत होगी। हुड्डा ने लोगों का आहवान किया कि उनका साथ रहा, तो प्रदेश से इस नकारा सरकार का सफाया कर दिया जाएगा। उन्होंने जनता से सीधा संवाद करते हुए भावुक अपील की कि इस तपती दोपहर में जब सूर्य भगवान आसमान से अंगारे बरसा रहा है, लाखों की संख्या में आप लोग आये हैं, मैं आपको वचन देता हूं कि आपकी इस तपस्या को व्यर्थ नहीं जाने दूंगा।
किसान की एक ईंच जमीन नीलाम करके दिखाए सरकार
सरकार की ओर से किसानों को दिए गए नीलामी नोटिस पर करारा जवाब देते हुए पूर्व सीएम ने सरकार को ललकारा और चेताया कि अगर हिम्मत है, तो सरकार किसी किसान की एक ईंच जमीन को नीलाम करके दिखाए। उन्होंने किसानों को भरोसा दिया कि वे संकट के इस समय में कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि किसान की दुर्दशा यह है कि आज उसकी फसल कौड़ियों के भाव लूटी जा रही है। चाहे धान हो, सरसों, कपास हो, बाजरा, पोपुलर, प्याज, टमाटर, या आलू हो। फसल का उचित भाव न मिलने के कारण किसान कर्ज में डूब गया है।
किसान लूट योजना है फसल बीमा
फसल बीमा के नाम से लूट की योजना चलायी गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रीमियम के नाम पर निजी कंपनियों को 22 हजार करोड़ रुपये थमा दिये गये। उसके एवज में किसानों को मुआवजे के नाम पर मात्र 12978 करोड़ रुपये दिये गये बाकी बचे 9000 करोड़ रुपये निजी कंपनियों की झोली में डाल दिया। उन्होंने कहा कि इस निर्दयी सरकार की मार से त्रस्त देश का किसान आन्दोलन की राह पर है और फसल को सड़क पर फेंकने को मजबूर हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं और इस संघर्ष में वह उनके साथ खड़े हैं।
गरीब बच्चों के वजीफा हुए बंद
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अनुसूचित जाति और गरीबों के लिये करीब 4 लाख 100- 100 गज के प्लाट देने के अतिरिक्त अनेक सुविधायें दी थीं। उनके बच्चों को वजीफा देने की कई योजनाएं बनायी थीं।मगर इस गरीब और दलित विरोधी सरकार ने प्लाट देना तो दूर की बात उनके बच्चों को वजीफा देने की योजना भी बंद कर दी है। इसी तरह खिलाडियों से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। अब तो सरकार ने उन्हें अपमानित भी करना शुरू कर दिया है।
तेल का खेल
उन्होंने आगे कहा कि अब सारे देश को भाजपा के तेल का खेल समझ आ गया है। जब से केंद्र में भाजपा सरकार आयी है, 10 लाख करोड़ रुपये हिन्दुस्तान की जनता की जेब से निकल कर कंपनियों और सरकार के खजाने में भर लिया है। सरकार कहती है कि 10 लाख करोड़ रूपया गांव के विकास के लिये खर्च किया है,तो फिर ये बताया जाये कि पंचायतों के इतिहास में सरपंचों को आन्दोलन क्यों करना पड़ रहा है। जनता के साथ सबसे क्रूर मजाक तो ये है कि 15 दिनों में तेल का भाव 4 रुपये बढ़ा कर 16 वें दिन एक पैसा कम कर दिया गया।
सरकार ने नहीं की हाईकोर्ट में पैरवी
हाल ही में हाईकोर्ट द्वारा नियमतिकरण नीति को रद्द करने के फैसले पर हुड्डा ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत पहले दिन से ही ठीक नहीं थी। यही वजह है कि हाईकोर्ट में सरकार ने ठीक से पैरवी नहीं की और ये दुखद फैसला आया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे, तो अब भी कर्मचारियों के हितों की रक्षा कर सकती है। उन्होंने कहा कि कच्चे कर्मचारी तो रोते देखे थे, लेकिन इस सरकारा में पक्के कर्मचारी भी रो रहे हैं।
अपराधियों की ऐशगाह बना प्रदेश
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के एचएसएससी को हरियाणा सर्विस सेल्स काउंटर बना दिया है। साथ ही प्रदेश में भ्रष्टाचार पर भी उन्हें तंज कसा और कहा कि जब उनकी सरकार थी, तो पास-पड़ोस के अपराधी भी इलाका छोड़ गए थे। अब हाल यह है कि पड़ोसी राज्यों के अपराधी भी यहां ऐशगाह बनाए हुए हैं। इससे प्रदेश में जान-माल की सुरक्षा पर गहरा संकट आ गया है। एसवाईएल के मुद्दे पर भी उन्होंने भाजपा सरकार को घेरा और कहा कि केंद्र सरकार चाहती, तो हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिल सकता है। लेकिन सरकार की नियत ठीक नहीं है ओर इसीलिए इस गंभीर मुद्दे को गौण कर दिया गया है।
तीन माह में दूसरी बार दिखाई ताकत
पहले हरियाणा के दूसरे छोर होडल और अब हाइवे बेल्ट के समालखा में बेहद कामयाब रैली करके हुड्डा ने जहां हाईकमान को संदेश देने का काम किया है,वहीं विपक्ष को भी आइना दिखा दिया। समालखा की अनाज मंडी में हुई इस रैली में उमड़ी भीड़ ने साबित कर दिया कि हुड्डा केवल एक इलाका विशेष के नेता नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में उनका प्रभाव है। पहले हरियाणा के अंतिम छोर होडल में इसी तरह का जनसैलाब उमड़ा था और हुड्डा के नेतृत्व पर कार्यकर्ताओं ने मोहर लगाई थी। इसके बाद उनके पैर में फ्रैक्चर की वजह से यह यात्रा कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई थी।
यात्रा का दूसरा चरण हुआ आरंभ
अब रविवार को समालखा की अनाज मंडी से जनक्रांति यात्रा के दूसरे चरण की शुरूआत हुई है। इसमें जिस तरह से प्रदेश भर से कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ा है, वह देखने वाला नजारा था। हाइवे पर लगा कई किलोमीटर लंबा जाम और चारों तरफ दिख रहे कार्यकर्ताओं ने विपक्ष का आइना दिखाने का काम किया है।
इन्होंने भी किया संबोधित
इस रैली को पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, रघुबीर सिंह कादियान, सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, धर्मपाल सिंह मलिक, फूलचंद मुलाना, ललित नागर, जयतीर्थ दहिया, पूर्व मंत्री सतपाल सिंह सांगवान, रणबीर महेंद्रा, राव दान सिंह, कैलाशो सैनी आदि ने संबोधित किया। मंच का संचालक पूर्व मंत्री आफताब अहमद व प्रो. वीरेंद्र सिंह ने किया। रैली का संयोजन पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने किया। रैली में सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पानीपत की जनता से मैट्रो लाने का वादा किया और कहा कि अगर उन्होंने मौका दिया, तो पिछली बार की सारी कमी पूरी कर देंगे। उन्होंने कहा कि पानीपत ने उनके परिवार का हमेशा साथ दिया है।
इस मौके पर यह रहे मौजूद
इसके अलावा मुख्य रूप विधायक आनंद सिंह दांगी, गीता भुक्कल, जगबीर मलिक, श्रीकृष्ण हुड्डा, उदयभान, कर्ण सिंह दलाल, जयबीर बाल्मीकि, शकुंतला खटक, पूर्व मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा, राव नरेंद्र सिंह, प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, सुखबीर सिंह कटारिया, परमवीर सिंह, सुमिता सिंह, आजाद मोहम्मद, राव धर्मपाल, शिवचरण शर्मा, शादीलाल बत्रा, सुभाष चौधरी, भीमसेन मेहता, निर्मल सिंह, बिशन लाल सैनी, रामभज लोधर, सत्यनारायण लाठर, रण सिंह मान, शारदा राठौर, चक्रवर्ती शर्मा, भाल सिंह छातर, अर्जुन सिंह, विनोद भ्याना, बीबा बत्रा, देवराज दिवान, अनिल ठक्कर, वीरेंद्र पाल बुल्ले शाह, डा.अशोक कश्यप, वीरेंद्र सिंह मराठा, कृष्णमूर्ति हुड्डा, संतकुमार, सचिन कुंडू, अनिता यादव, सोमबीर सिंह, रामबीर पटौदी, रवि परूथी, सुरेंद्र दहिया, वीरेंद्र राठौर, शिवशंकर भारद्वाज, महाबीर डिडवाडी, खुशीराम जागलान, बलबीर बाल्मीकि, कर्ण सिंह कादियान, मेयर सुरेश वर्मा, चांदबीर हुड्डा, मनोज रिढाऊ, मेजर नृपेंद्र सिंह, प्रो. संपत सिंह, रामनिवास घोडेला, अब्दुल गफ्फार कुरैशी, जरनैल सिंह, कर्नल रोहित चौधरी, सतविंद्र राणा, धनेंद्र वालिया, अशोक मेहता, अर्जुन सिंह, यादवेंद्र सिंह, ब्रजपाल छप्पर, मेवा सिंह, सुरेंद्र नरवाल, प्रदीप पुंडरी, शाहिदा खान, इजराइल खान, लखन सिंह सिंगला, रघुबीर तेवतिया, प्रो. रामभगत, महादेव शर्मा, नफे सिंह बाल्मीकि, नरेश शर्मा, दिल्लू राम बाजीगर, लहरी सिंह, दिव्यांशु बुद्विराजा, रणधीर सिंह, गुलशन बग्गा, धर्मबीर बागा, तेलूराम जांगड़ा, विजय प्रताप सिंह, कुलदीप नंबरदार, केवी सिहं, कुलदीप वत्स, इस्लाम अली अंसारी, रणधीर सिंह, नरेश हसनपुर, महाबीर मसानी आदि मौजूद रहे।
रैली की झलकियां
-दिल्ली से हरियाणा में प्रवेश करते ही पूर्व सीएम हुडडा का हुआ जोरदार स्वागत, राई, मुरथल और टोल प्लाजा व गन्नौर में हुआ स्वागत, कुंडली बार्डर से लेकर समालखा तक हाइवे पर लगा जाम।
-कार्यकर्ताओं की भीड़ से अंबाला लेन पर भी रहा पानीपत से समालखा तक हाइवे जाम।
-सुबह से ही कार्यकर्ताओं की जुटने लगी भीड़, लोगों में था गजब का उत्साह और जोश।
-डीजे और नगाड़ों के साथ किया गया आने वाले नेताओं का जोरदार स्वागत।
-हरियाणा के परंपरागत रैली वाहन ट्रैक्टर-ट्राली से पहुंचे थे हजारों कार्यकर्ता।
-रैली में महिलाओं व युवाओं की संख्या भी खूब थी, इनमें जोश देखते ही बन रहा था।
-मंच के ठीक सामने काफी संख्या में लोग जमीन पर बैठे रहे।
-गर्मी से बचने के लिए पंखे और कूलर का किया गया था इंतजाम।
-मंच पर प्रदेश भर से पहुंचे पूर्व सांसद व विधायकों के अलावा वरिष्ठ साथी भी मौजूद रहे।
-समालखा में प्रवेश करते ही हजारों मोटर साइकिलों के काफिले के साथ किया गया जोरदार स्वागत।
-गर्मी को देखते हुए पूरे आयोजन स्थल पर जगह-जगह छबील लगाई गई थी।