पटना,
बिहार में नीतीश सरकार शराबबंदी के बाद नशाबंदी की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसके तहत अब राज्य सरकार खैनी को बैन करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। जिसमें राज्य सरकार ने खैनी को खाद्य सुरक्षा कानून-2006 के अंतर्गत लाने के लिए सिफारिश की है। अगर ऐसा हुआ तो बिहार से खैनी गायब हो जाएगी।
बिहार सरकार को तंबाकू नियंत्रण के लिए मदद देने वाली संस्था ने खैनी पर प्रतिबंद लगाने की मांग की है। उनके द्वारा कहा गया कि राज्य सरकार खैनी को खाद्य सामग्री की श्रेणी में लाए और फिर इसे फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट-2006 के तहत प्रतिबंधित करे। इसी कानून के तहत राज्य में गुटखा और पान मसाले को प्रतिबंधित किया गया है।
नीतीश सरकार में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने केंद्र को इस मामले में पत्र लिखा है। जिसमें खैनी को खाद्य उत्पाद के रूप में अधिसूचित करने का अनुरोध किया गया है। केन्द्र की एजेंसी खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी (फूड सेफ्टी स्टैण्डर्ड एक्ट ऑफ इंडिया) द्वारा खाद्य उत्पाद के रूप में अधिसूचित किए जाने के बाद ही राज्य सरकार के पास स्वास्थ्य आधार पर खैनी पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति मिल जाएगी।
प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि बिहार में तंबाकू की खपत में कुल मिलाकर गिरावट दर्ज हुई है। पिछले 7 साल में तंबाकू की खपत 53 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, खैनी का सेवन करने वाले लोगों की संख्या चिंताजनक है। प्रदेश में 25.6 प्रतिशत लोग धुआंरहित तंबाकू का सेवन करते हैं।