नई दिल्ली,
दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए को लताड़ लगाते हुए 75 वर्षीय एक महिला को जल्द दुकान आवंटित करने का आदेश दिया है। दरअसल आपातकाल के दौरान इस महिला की दुकान तोड़ दी गई थी और इसके बदले उसे वैकल्पिक दुकान मुहैया कराई जानी थी जो चार दशक बाद भी आवंटित नहीं की गई है।
अदालत ने कहा कि डीडीए ने अनुचित रूख अपनाया और परिवार की स्थिति पर विचार नहीं किया। उसने वादी कमला साहनी की मानसिक प्रताड़ना के लिए एजेंसी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी किया।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि शिकायतकर्ता को छोड़कर चांदनी चौक के इस्प्लेनेड रोड पर साइकिल बाजार में सभी अन्य सदस्यों को वैकल्पिक दुकान आवंटित कर दी गई है। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘डीडीए ने वास्तव में अदालत के आदेश की अवहेलना की है और जानबूझकर अदालत को गुमराह किया है।’’