नई दिल्ली,
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में एडमिट कराया गया है। बीजेपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वाजपेयी को सिर्फ रूटीन चेकअप के लिए भर्ती कराया गया है।
बता दें कि 93 वर्षीय अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत पिछले काफी समय से खराब है। वे डिमेंशिया नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। 2009 से व्हीलचेयर पर हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनके क़रीबी सहयोगी शिव कुमार शर्मा ने बताया कि बीमारी के कारण वे अब बहुत कम बोलते हैं, लेकिन चेहरे के हावभाव और आंखों से पता लग जाता है कि उन्होंने पहचान लिया।
हालांकि, वो अब कुछ पढ़-लिख नहीं पाते हैं, लेकिन टीवी बहुत देखते हैं। खासकर पुरानी फ़िल्में और पुराने गाने तो उन्हें बहुत पसंद है। डॉक्टरों का एक दल चौबीस घंटे उनकी सेहत की देखभाल करता है। हर रोज उन्हें देखने के लिए चार फ़िज़ियोथेरेपिस्ट आते हैं।
डाइट भी उनकी केवल लिक्विड होती है। उन्हें ठोस खाना नहीं दिया जाता है। कुछ समय पहले ही भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था। आपको बता दें कि वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे। वह बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं।
25 दिसम्बर, 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था। अपनी भाषणकला, मनमोहक मुस्कान, वाणी के ओज, लेखन व विचारधारा के प्रति निष्ठा तथा ठोस फैसले लेने के लिए विख्यात वाजपेयी को भारत व पाकिस्तान के मतभेदों को दूर करने की दिशा में प्रभावी पहल करने का श्रेय दिया जाता है।
इन्हीं कदमों के कारण ही वह बीजेपी के राष्ट्रवादी राजनीतिक एजेंडे से परे जाकर एक व्यापक फलक के राजनेता के रूप में जाने जाते हैं।