नई दिल्ली,
सतलुज-यमुना लिंक नहर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मामले में आपके पिछले आदेश के तहत मीटिंग हुई है लेकिन नतीजा निकलने में कुछ और समय लगेगा। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में 4 महीने बाद सुनवाई होगी। बता दें कि दोनों राज्यों (हरियाणा-पंजाब) की कमेटियों के साथ केंद्र सरकार ने दो बार बातचीत की मगर मसला हल नहीं हुआ। दोनों राज्य अपने स्टैंड पर कायम रहे।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 जनवरी, 2002 को डिक्री दी थी मगर उसकी पालना नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अंतिम बार 11 जुलाई, 2017 को सुना था। कई आदेश अदालत ने पारित किए थे ताकि पार्टियां स्वीकार्य सौहार्दपूर्ण समझौता हो सके और जिसे अमल में लाया जा सके।
अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि उच्च्तर स्तर पर कई बैठकें हुई मगर कोई हल नहीं निकला। अटॉर्नी जनरल ने जोर दिया है कि सभी पक्षकारों को निर्देश दिया जाए कि वे सुप्रीम कोर्ट में डिक्री को लागू करने के बारे में अपना स्टैंड स्पष्ट करें।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा था कि वे इस पर मेरिट अनुसार टिप्पणी नहीं करते। अलबत्ता, पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्नी अफसरों की समिति बनाएं और दोनों उच्च्तम स्तर पर केंद्र के हस्तक्षेप के साथ बातचीत करें। अगर हो सके तो समाधान ढूंढें, मगर दूसरा विकल्प हरियाणा और राजस्थान को स्वीकार्य हो। सुप्रीम कोर्ट को आशा है कि दोनों राज्यों के पदाधिकारी सभी के हित में समाधान ढूंढेंगे।
previous post