सिंगापुर,
एक दूसरे को खुले तौर पर परमाणु युद्ध और सबक सिखाने की धमकी देने वाले दुनिया के दो बड़े नेताओं ने आज सारी दूरियां मिटाकर एक दूसरे से हाथ मिलाया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन ने सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप में एक दूसरे से हाथ मिलाया और हंसकर बातचीत भी की।
दोनों नेताओं के बीच वन-ऑन-वन मुलाकात खत्म हो गई है। सेंटोसा द्वीप के कैपेला रिजॉर्ट में दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक मुलाकात हुई। ये मुलाकात कई मायनों में ऐतिहासिक है। अमेरिका का कोई सिटिंग राष्ट्रपति पहली बार किसी उत्तर कोरियाई नेता से मिला है। वहीं, सत्ता संभालने के 7 साल बाद किम जोंग उन पहली बार इतनी लंबी विदेश यात्रा पर आए हैं।
भारतीय समयानुसार सुबह करीब 6.30 बजे दोनों नेता अपने-अपने होटल से सेंटोसा द्वीप पहुंचे थे। होटल पहुंचने के बाद दोनों नेताओं ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और फोटो खिंचवाए। इसके बाद दोनों नेता रिजॉर्ट के अंदर गए। अंदर जाते वक्त दोनों हंसते हुए नजर आए। अंदर जाकर डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन ने एक दूसरे से बात की।
किम से मिलकर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मुझे विश्वास है हम दोनों के संबंध अच्छे रहेंगे। उन्होंने कहा कि पुराने मतभेदों को भुलाकर अब हम आगे आ चुके हैं। वहीं, किम जोंग ने कहा कि तमाम बाधाओं को दूर कर हमारी मुलाकात हुई है, यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। किम ने इस मुलाकात को बहुत—बहुत अच्छी बताया है।
मीटिंग पर 100 करोड़ खर्च
इस मुलाकात में कोई कमी न रह जाए इसके लिए मेजबान सिंगापुर भी जबरदस्त तैयारी कर चुका है। ये तैयारी कितनी जबरदस्त है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाइये कि भारतीय रुपयों में करीब 100 करोड़ का खर्च आ रहा है।
किम जोंग उन ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से कहा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया की ऐतिहासिक मुलाकात को पूरी दुनिया देख रही है। वहीं, मुलाकात से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने लगातार किम से अपनी मुलाकात को लेकर ट्वीट किए। डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कहा है कि सिंगापुर आना अहम है, वातावरण में उत्साह है!
क्या परमाणु निशस्त्रीकरण पर किम होंगे राजी
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने भी कहा है कि उत्तर कोरिया को अमेरिका ऐसी सुरक्षा गारंटी देने को तैयार है ताकि उन्हें लगे परमाणु निशस्त्रीकरण से उनका अंत नहीं होने जा रहा।
अमेरिका बार-बार संकेत दे रहा है कि ट्रंप-किम की बात तभी आगे बढ़ेगी, जब उत्तर कोरिया पूरी तरह परमाणु निरस्त्रीकरण पर राजी हो जाए।
यूं तो उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु टेस्ट साइट को नष्ट कर दिया है, लेकिन परमाणु हथियारों के जखीरे को नष्ट करना एक बड़ी बात होगी, जिसे लेकर किम जोंग उन के देश ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं।