इंदौर,
अध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज (50) ने मंगलवार को यहां अपने घर पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली। उन्हें शहर के बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि वहां पहुंचने से आधा घंटे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले भय्यू महाराज ने मॉडलिंग से करियर शुरू किया था।
बाद में आध्यात्म की राह पर चले गए। घटना की सूचना फैलते ही सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थक अस्पताल पहुंच गए। मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ महीने पहले ही उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा देने की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था।
13 महीने पहले की थी दूसरी शादी
भय्यू महाराज ने 13 अप्रैल 2017 में शिवपुरी की डॉ. आयुषी से दूसरी शादी की थी। उनकी पहली पत्नी माध्वी का नवंबर 2015 में निधन हो गया था। पहली पत्नी से उनकी एक बेटी है जो पुणे में पढ़ाई कर रही है।
हाईप्रोफाइल लोगों से रहा है नाता
भय्यू महाराज चर्चा में तब आए जब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने अपना दूत बनाकर भेजा था। बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था। पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज आमंत्रित किया था।
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी उनके आश्रम आ चुके हैं।
कौन हैं भय्यूजी महाराज
1968 को जन्में भय्यूजी महाराज का असली नाम उदयसिंह देखमुख है। वे मध्य प्रदेश के शुजालपुर के जमींदार परिवार से थे। कभी कपड़ों के एक ब्रांड के लिए ऐड के लिए मॉडलिंग कर चुके भय्यूजी महाराज बाद में गृहस्थ हो गए थे। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके ही देखरेख में चलता था।
उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है। मर्सिडीज जैसी महंगी गाड़ियों में चलने वाले भय्यूजी रोलेक्स ब्रांड की घड़ी पहनते थे और आलीशान बिल्डिंग में रहते थे।