पंजाब

मुस्लिम महिला चला रही है अपनी गौशाला, गौशाला चलाने के लिए 6 रिश्ते ठुकराएं

लुधियाना,
देश में पिछले कुछ समय से गाय और गौशालाओं पर विवाद ही होता रहा है। लेकिन पंजाब के लुधियाना जिले में एक गौशाला ऐसी है, जो लोगों के लिए चर्चा का विषय है। ये गौशाला लुधियाना जिले के पायल कस्बे में मौजूद है। इस गौशाला को एक मुस्लिम महिला चलाती है। उनकी गौशाला में दो चार नहीं बल्कि 33 से ज्यादा गाय मौजूद हैं। सलमा नाम की महिला की गौशाला में उनके गाय बैलों के नाम भी बड़े ही दिलचस्प हैं।

एक गाय से आरंभ हुई गौशाला
सलमा ने अपनी गौशाला अगस्त 2007 में तब शुरू की, जब वह एक बूढ़ी गाय को अपने घर लाईं। इसके बाद वह एक बैल को भी अपने घर ले आईं। उन्होंने उसे नंदी नाम दिया। इसके थोड़े दिनों बाद वह एक और ऐसी गाय को घर ले आईं, जिसे छोड़ दिया गया था। उन्होंने उसे गौरी नाम दिया। इसके थोड़े दिनों बाद ही उनकी गौशाला मुस्लिम गौशाला के नाम से पहचानी जाने लगी।

गायों के लिए 6 रिश्ते ठुकरा दिए
सलमा से जब ये पूछा जाता है कि इसे मुस्लिम गौशाला के नाम से क्यों जाना जाता है तो वह कहती हैं कि अक्सर कहा जाता है कि मुस्लिम सिर्फ मार काट सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। हमारे सीने में भी दिल है। हम भी जानवरों से प्यार करते हैं। सलमा की उम्र 33 साल हो चुकी है, उनके परिवार में उनके पिता और आंटी हैं। शादी की बात पर वह कहती हैं, वह सिर्फ उस व्यक्ति से निकाह करेंगी, जो इस गौशाला को चलाने के लिए तैयार होगा। उनकी छह शादियों के प्रस्ताव सिर्फ इसीलिए कारण वापस हो गए। उनसे पूछा जाता है कि एक मुस्लिम महिला को गौशाला चलाने की क्या जरूरत है।

कुरान में है जीव की मदद करने की बात
सलमा कहती हैं कि इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं है। मैं इन जानवरों से प्यार करती हूं। वह साफ कहती हैं कि मैं इन्हें कोई अपना पूज्नीय नहीं मानती, लेकिन ये जरूर मानती हूं कि इन्हें हमारी मदद की जरूरत है। वह कहती हैं कि मैं कुरान को मानती हूं कि उसमें हमें बताया गया है कि हमें हर उस जीव की मदद करनी है, जिसे अल्लाह ने बनाया है।

परिवार को बायकॉट भी झेलना पड़ा
सलमा बताती हैं कि इस कारण कई बार उनके परिवार को सामाजिक बहिष्कार भी झेलना पड़ा। यहां रहने वाले दूसरे मुस्लिम परिवारों ने मेरे अब्बा से बात करनी तक छोड़ दी थी। लेकिन उन्होंने इस बात की फिक्र नहीं की। गाय पालने से हम कोई कम मुस्लिम नहीं हो जाते।

सलमा खुद शाकाहारी हैं
सलमा खुद शाकाहारी हैं। वह कहती हैं कई बार हमसे इस गौशाला को बंद करने के लिए कहा गया। वह कहती हैं कई बार तो सिख और हिंदू परिवार भी हमसे इस गौशाला को लेकर शिकायत कर चुके हैं। उनकी शिकायत है कि इस गौशाला के कारण यहां बदबू आती है।

दिलचस्प हैं गायों के नाम
इस गौशाला में मौजूद गायों के नाम भी दिलचस्प हैं। सलमा शुरुआत में जो गाएं अपनी गौशाला में लाईं, उनके नाम सभी हिंदू देवियों के ऊपर रखे। इनमें जगदंबा, पार्वती, दुर्गा, मीरा, सरस्वती, राधा, लक्ष्मी और तुलसी हैं। 2012 के बाद उन्होंने इनके नाम अलग से रखने शुरू किए। अब उनकी गौशाला में एजाजा, आशू, जान, गुलबदन, कुमकुम, हनी नाम की की गाए भी हैं। वहीं बादशाह जैसे नाम के बैल भी हैं।

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