जींद हरियाणा

लापरवाही के चलते लाखों कट्टे गेहूं बारिश में भीगा, भंडारण निगम ने खुले में किया गेहूं का स्टॉक

जींद,
हरियाणा भंडारण निगम गेहूं का स्टॉक करने के लिए खुद जगह की कमी झेल रहा है, जिस कारण निगम को अपना लाखों क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे लगाने को विवश होना पड़ रहा है। रविवार व सोमवार सुबह बारिश में निगम का लाखों क्विंटल खुले में रखा गेहूं बारिश में भीग गया। अब बारिश का मौसम समीप आने के चलते भी निगम इसे मौसम की मार से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाया है और खुले आसमान के नीचे रखा लाखों क्विंटल गेंहू खराब होने के कगार पर है।

अकेले जींद की नई अनाज मंडी में हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किसानों की फसल डालने के लिए बनाये गए फड़ों पर हरियाणा भंडारण निगम ( हरियाणा वेयरहाउस कॉर्पोरेशन) ने लगभग 51 गेहूं के स्टैग लगाये हुए हैं। एक स्टैग में लगभग 2700 से 2800 गेहूं से भरे कट्टे लगाये गए हैं और लगभग 1 लाख 35 हजार 567 कट्टे निगम द्वारा लगाये इस अनाज मंडी में लगाये गए हैं। बारिश, धूल व धूप इत्यादि से बचाव के लिए निगम के द्वारा किये गए प्रबंधन यहां नाकाफी दिखाई दे रहे हैं।

शनिवार देर रात, रविवार व सोमवार सुबह आयी बारिश के दौरान भी खुले आसमान नीचे रखे इन गेहूं के कट्टों पर तिरपाल तक नहीं ढके गए थे, जिस कारण यहां रखे ये गेंहू के कट्टे भीगते नजर आये। राम भरोसे पड़ा ये गेहूं अपने रखरखाव की खुद दुहाई देता नजर आ रहा था। कीड़ों इत्यादि से बचाव एवं रोकथाम के लिए यहां रखे इन गेहूं का उपचार कर स्टैगों में दवाई इत्यादि भी डाली गई है या नहीं, इस बात के भी यहां कोई पुख्ता प्रमाण नहीं दिख रहे थे। राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप यहां खुले में रखा गेहूं अपनी खुद लाचारी बयां कर रहा था।

गरीबों के खाने में उपयोग होता है यह गेहूं
यहां से यह गेहूं रेलगाड़ियों में स्पेशल लोड होकर एफ.सी.आई. के माध्यम से देश के अन्य राज्यों में जाता है, जहां से यह गरीबों को उनके राशन के तौर पर सप्लाई होता है।

सरकार देती है कवर्ड गोदामों में अनाज स्टॉक करने पर जोर
सरकारी नियमों के मुताबिक फसल के लिये कवर्ड गोदाम बनाने आवश्यक हैं, जिनके लिए विभिन्न मापदंड पूरे करने होते हैं। वहीं यहां एकदम इसके उलट हो रहा है और खुद सरकारी निगम यहां जगह की कमी झेलते हुए खुले आसमान के नीचे गेहूं अनाज मंडियों में किसानों के लिए निर्मित फड़ों पर ही गेहूं के चट्टे लगाने को विवश हो रहा है।

अभी एक माह के किराए के नहीं जमा हुए बिल
अनाज मंडी में पिछले एक माह से गेहूं रखे होने के बावजूद हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने उनके कम्पाउंड में स्टॉक गेहूं के कट्टों की गिनती कर किराये का बिल क्लेम नहीं किया है। मॉर्केटिंग बोर्ड नॉर्म्स के अनुसार 15 पैसे अथवा 30 रुपये प्रति टन किराया निर्धारित होता है। इससे कृषि विपणन बोर्ड को लगभग 40 हजार 670 रुपये प्रति माह की रकम प्राप्त होने में देरी हो रही है। अब इस देरी के लिए किसकी जिम्म्मेदारी तय होगी यह बोर्ड में ऊपर से अथवा जिला प्रशासन द्वारा तय होगा।

गेंहू रखरखाव के सभी प्रबंधन पूरे : डी. एम.
हरियाणा भंडारण निगम के जिला प्रबंधक यशपाल सिंह ने कहा कि नई अनाज मंडी के अंदर खुले में स्टॉक किये गए गेहूं के उन्होंने रखरखाव सहित सभी प्रबंधन पूरे किए हैं। बारिश से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में तिरपालों का प्रबंध किया गया है। गेहूं के स्टैगों का कीड़ो इत्यादि से बचाव के लिये इनमें दवाई एवं स्प्रे कर उपचार किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी किराए के लिए हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने उनसे निर्धारित किराए का क्लेम नहीं किया है।

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