हिसार

ग्वार की बिजाई का अब सही समय-डॉ. बीडी यादव

हिसार,
खरीफ की फसल के सीजन को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में ग्वार की अधिक बिजाई करने व ग्वार की उत्पादकता बढ़ाने के मकसद से जिले के गांव भोजराज में ग्वार फसल पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को ग्वार की सही समय पर बिजाई, बीजोपचार, संतुलित खाद का प्रयोग व अनावश्यक खरपतवारनाशक दवाईयों का प्रयोग न करने को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर खण्ड कृषि अधिकारी डॉ. महीपाल सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विकास अधिकारी डॉ. पारस ने की।

शिविर को संबोधित करते हुए ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बीडी यादव ने ग्वार की उन्नत किस्में एचजी 365, एचजी 563 व एचजी 2-20 ही बीजने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इन किस्मों का बीज खरीदने के लिए एचएयू में संपर्क करके उन्नत व प्रमाणिक किस्मों का बीज ले सकते हैं। इसके अलावा किसी भी सरकारी संस्था व सरकार द्वारा सिफारिश सेंटर से भी बीज खरीदा जा सकता है। किसानों को संबोधित करते हुए ग्वार विशेषज्ञ ने कहा कि अब ग्वार की बिजाई का अब सही समय चल रहा है। हिसार जिले के अधिकत्तर बारानी क्षेत्रों में पिछले दो दिनों में अच्छी बारिश हो गई है, इसलिए किसानों कोे सलाह दी जाती है कि ग्वार की बिजाई 5 जुलाई तक पूरी कर लें।

अगर किसी कारण कुछ किसान इस समय तक बिजाई नहीं कर पाते तो ग्वार की बिजाई 10 जुलाई तक कर सकते हैं, परन्तु पैदावार घटनी शुरू हो जाती है। बिजाई से पहले बीज उपचार करना बहुत जरूरी है। बीज उपचार के लिए 2-3 ग्राम कार्बन्डाजिम-50 प्रति किलो बीज के हिसाब से सूखा उपचारित करने के बाद ही बिजाई करें। उन्होंने किसानों को आगाह किया कि ट्यूबवेल का खारा या तेलिया (सोडिक) पानी का बिजाई के लिए तथा बाद में खड़ी फसल में कदापि इस्तमाल न करें।

खाद का प्रयोग
खाद की मात्रा पर बोलते हुए डॉ यादव ने कहा कि 35 किलो डीएपी या 100 किलो सिंगल सुपर फास्फेट प्रति एकड़ बिजाई के समय ड्रिल करें जहां सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग किया जा रहा है वहां 15 किलो यूरिया बिजाई के समय खेत की जुताई करते समय छिड़काव करें। जिस जमीन में जिंक की कमी है वहां किसानों को सलाह दी जाती है कि वो अपने खेतों में 10 किलो जिंक सल्फेट (21 प्रतिशत) प्रति एकड़ बिजाई के समय प्रयोग करें। इससे पूर्व मुख्यातिथि डॉ. महीपाल सिंह ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी ग्वार विशेषज्ञों के साथ मिलकर ग्वार की आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है ताकि किसान ग्वार फसल की अधिक पैदावार ले सके। इस प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने किसानों को फसल बीमा योजना अपनाने को जोर दिया तथा इस स्कीम की फायदे के बारे में अवगत कराया।

डॉ. पारस ने किसानों को सलाह दी कि किसी भी फसल की बिजाई से पहले अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच अवश्य करायें तथा खाद का उपयोग मिट्टी की जांच के आधार पर करें। कृषि वैज्ञानिक डॉ. राकेश सांगवान ने किसानों को बीटी नरमा में आने वाली बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी दी। इसके साथ-साथ कीट वैज्ञानिक डॉ. तरूण वर्मा ने किसानों को नरमा फसल पर लगने वाले कीटों व उनकी रोकथाम के बारें में बताया। शिविर में 57 किसानों ने भाग लिया तथा हर किसान को बीजोपचार की एक-एक एकड़ की दवाई तथा इसके लिए एक जोड़ी दस्तानें निशुल्क दिये गए। इस अवसर पर गांव के सरपंच उमेद सिंह तथा प्रगतिशील किसान विनोद मेहला, हरपाल सिंह, ओमप्रकाश, रणजीत सिंह आदि मौजूद थे।

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