जींद हरियाणा

उचाना में हुआ रेनुका बिश्नोई का जोरदार स्वागत, भाजपा को उखाड़ फैंकने के लिए कार्यकर्ताओं से एकजुट होने की अपील

उचाना,
उचाना हलके में जनसंपर्क अभियान के दूसरे चरण में हांसी की विधायक रेनुका बिश्नोई ने सोमवार को गांव साहपुर, श्यामदो, पेगा, अलेवा, ढयोला, दुणाना तथा जीवनपुर गांवों में अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया तथा कार्यकर्ताओं के साथ बूथ स्तर तक पार्टी की मजबूती के लिए विस्तार से रणनीति बनाई। इस दौरान ग्रामीणों ने फूल मालाओं, लड्डूओं आदि से रेनुका का जोरदार स्वागत किया।

रेनुका बिश्नोई ने कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हुए कहा कि पिछली बार लोकसभा में जो उचाना हलका में विरोधियों ने अराजकता फैलाई थी और झूठी सीडी के सहारे समाज में जात-पात का जहर घोलकर लोकतंत्र को कुचला था, उसका बदला लेने का समय आ गया है। जनता के सहयोग और राहुल गांधी के आशीर्वाद से कुलदीप बिश्नोई मुख्यमंत्री बनकर उचाना में इतना विकास करवाएंगे जो पिछले कई दशकों में नहीं हुआ।

गांवों में लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं, सड़क, सीवरेज, बिजली व्यवस्था की बदहाल स्थिति है। क्षेत्र के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में तो 2 से 3 घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही। हलके के पिछड़ेपन के लिए भाजपा के साथ-साथ इनेलो भी जिम्मेवार है। इनेलो ने यहां के लोगों को विकास व रोजगार के बड़े-बड़े सपने दिखाकर वोट हथियाने का तो काम किया परंतु हर बार हलके को उपेक्षित रखा। इनेलो नेताओं को उचाना की याद सिर्फ चुनाव के समय आती है।

पिछले लोकसभा चुनाव में इनेलो ने सिर्फ कुलदीप बिश्नोई के साथ ही षडयंत्र नहीं रचा बल्कि उचाना वासियों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया। क्योंकि हिसार लोकसभा के अंतर्गत आने वाले उचाना हलके में अगर कुलदीप बिश्नोई को इतनी बड़ी हार नहीं मिलती तो वे लोकसभा चुनाव जीतते और प्रदेश की राजनीति परिस्थितियां ही अलग होती तथा उचाना हलके के विकास का रास्ता खुलता। 

       रेनुका बिश्नोई ने कहा कि प्रदेश सरकार की नीति खेल व खिलाड़ी विरोधी है। खिलाडिय़ों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना तो दूर भाजपा सरकार कांग्रेस शासनकाल में खिलाडिय़ों को दी जाने वाली सुविधाओं को भी समाप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि उच्च पदों पर खिलाडिय़ों को तवज्जो देना तो दूर ग्रुप सी और डी में भी जगह नहीं मिल रही। ऐसे में खिलाडिय़ों का जहां मनोबल टूट रहा है, वहीं उनका भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। राज्य सरकार तुरंत पुरानी खेल नीति को बहाल करे।
खट्टर सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण आज हर विभाग व हर वर्ग का कर्मचारी सड़क पर उतरने को मजबूर है।

जिन वायदों के सहारे भाजपा सत्ता में आई थी, उन्हें लागू करना तो दूर उन पर बात करना भी नहीं चाहती। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, ठेकेदारी प्रथा समाप्त करना, गैस्ट टीचर्स को नियमित करना, छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करना, बंद पड़ी भर्तियों को भरना, पंजाब के समान सेवालाभ व वेतनमान देना, कर्मचारियों को पैंशन देना, रिक्त पड़े 2 लाख पदों को भरना, आंगनवाड़ी, मिड डे मिल, आशा वर्कर व ग्रामीण चौकीदारों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने जैसी घोषणाओं को ताक पर रख दिया है। सरकार कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से ले अन्यथा इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, जिसके लिए भाजपा स्वयं जिम्मेवार होगी।

इस दौरान रणधीर सिंह पनिहार, ओमप्रकाश गवर्नर, मनोज बिश्नोई, रमेश सैनी, विनोद निर्माल, नरेन्द्र कौशिक,, पंकज शर्मा, प्रताप श्योकंद, बिजेन्द्र अलेवा, संजय भोंगरा, नारायण दत, त्रिलोक भरद्वाज, ताराचंद वाल्मीकि, दीपक बुढैण, दलबीर जांगड़ा, नारायण दत्त, कश्मीरी आदि उपस्थित थे। 

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