हिसार

जून में मिले मलेरिया के 12 मामले

हिसार,
जिला में गत माह में बुखार के 13086 मामले आए। इन सभी की रक्त जांच की गई। जांच उपरांत इनमें से 12 को मलेरिया होने की पुष्टि हुई।

जिला मलेरिया अधिकारी ने डॉ. जया गोयल ने बताया कि सभी बुखार पीडि़त व्यक्तियों का उचित उपचार किया गया। मलेरिया का बुखार ज्यादातर बरसात के मौसम में होता है। मच्छर के काटने से मनुष्य के शरीर में घुसे स्पोरोज़ाइट तेजी से जिगर में पहुंच जाते हैं। वहां वो तेजी से मीरोजोइट रूप में बदल जाते हैं। इसके बाद वो लारवा पर हमला करते हैं। यह प्रक्रिया मच्छर के काटने के 10 से 15 दिनों बाद होता है।

उन्होंने बताया कि सिर में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना, ठंड लगकर तेज बुखार होना, बुखार उतरते समय पसीना आना आदि मलेरिया होने के लक्षण होते हैं। उन्होंने आम आदमी से अपील करते हुए कहा कि बरसात का मौसम शुरू होने के साथ ही मच्छरों की संख्या बढ जाती है।

ऐसे में मलेरिया बचाव के लिए यह जरूरी है कि हम अपने घरों में रखे गए कूलर, घड़ों, पानी टंकियों की नियमित सफाई करने के साथ-साथ गमलों, पुराने टायरों आदि व आसपास पानी को एकत्रित ना होने दें। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा समय-समय पर लोगों को मलेरिया बचाव के लिए जागरूक किया जाता है।

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