चंडीगढ़,
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तिकरण के लिए 10 ऐतिहासिक घोषणाएं की, जिनमें बलात्कार या छेड़छाड़ के आरोपी की सभी सुविधाएं निलम्बित करना, बलात्कार पीडि़ता को निजी वकील की सुविधा प्रदान करना, रेप केस की एक महीने व इव टीजिंग मामलों की 15 दिन में जांच, 6 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलना, महिला गवाह को अगली डेट न देना, दिन में विशेष पैट्रोलिंग, कन्या स्कूलों में वुमैन सैल्फ डिफेंस इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति करना, छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना, रात्रि में गश्त, यौन और लैंगिक हिंसा रोकने के लिए कार्य योजना बनाना शामिल हैं।
यह घोषणाएं मुख्यमंत्री ने आज पंचकूला स्थित इंद्रधनुष सभागार में महिला सुरक्षा एवं महिला सशक्तिकरण के विषय पर आयोजित एक और सुधार कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति माता-बहन पर उंगली उठाएगा, उसकी उंगली काट ली जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध रोकने का हमारा इरादा तय है।
इस कार्यक्रम के समापन के बाद पत्रकारों से वार्ता के दौरान उंगली काटने के सम्बंध में पूछने पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मेरे कहने का भाव है कि कानून के अनुसार आरोपी से सख्ती से निपटा जाएगा।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दूर्गा शक्ति एप का शुभारंभ किया। उन्होंने स्कूली बच्चों को सुरक्षा के संबंध में जानकारी देने के लिए तैयार किये गए विषय ‘‘मेरी सुरक्षा-मेरी जिम्मेवारी’’ को भी लॉन्च किया, जो स्कूल में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दूर्गा शक्ति वाहिनी फ्लीट को झंडी दिखा कर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण के लिए किये गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए 4 सशक्त महिलाओं को सम्मानित भी किया, जिनमें सिरसा, मयानाखेड़ा गांव की महिला बस ड्राइवर श्रीमती पंकज चौधरी, फरीदाबाद के धौंच गांव की पंच श्रीमती नजमा खान, झज्जर के बहारा गांव की श्रीमती कविता शर्मा, महेंद्रगढ़ जिला की श्रीमती मंजु कौशिक शामिल हैं।
उन्होने कहा कि प्रदेश में बलात्कार या छेड़छाड़ का जो भी आरोपी होगा उस के केस का निर्णय होने तक राज्य सरकार से उसे राशन के अलावा मिल रही सारी सुविधाएं जैसे कि बुढ़ापा या विकलांगता पेंशन, वजीफा, ड्राईविंग और आर्म लाईसैंस इत्यादि निलम्बित रखी जाएंगी और अगर सजा होगी तो उसकी इन सुविधाओं की पात्रता समाप्त कर दी जाएगी और यदि वह निर्दोष पाया जाता है तो उसको बंद होने की तिथि से सभी सुविधाएं का लाभ दिया जाएगा। महिला यदि महिला के खिलाफ अपराध करेगी तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि कोई बलात्कार पीडि़ता सरकारी वकील के अलावा अपने विश्वास का कोई निजी वकील करना चाहे तो उसकी फीस के लिए 22 हजार रुपये की आर्थिक सहायता सरकार द्वारा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बलात्कार और इव टीजिंग के मुकद्मों के लिए निरंतर जांच का प्रावधान हर थाने में होगा। रेप के केस में एक महीने में और इव टीजिंग के केस में 15 दिन में जांच खत्म न हुई तो जांच अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिस भी जिले में 50 से ज्यादा बलात्कार, छेड़छाड़ तथा महिलाओं को मानसिक प्रताडऩा के केस अदालतों में लम्बित हैं, वहां एक फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जाएंगे। प्रदेश सरकार द्वारा 6 फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जाने का निर्णय लिया गया है, जिनमें 2 फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत, सोनीपत व नूंह में खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय से आग्रह करेंगे कि सभी अदालतों को आदेश दें कि यदि कोई महिला गवाही के लिए अदालत में आती है तो उसे आगे की तारीख न देकर उसी दिन उसकी गवाही लिखी जाए।