नई दिल्ली,
नरेंद्र मोदी की सरकार शुक्रवार यानी आज अपने कार्यकाल के पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी। लोकसभा में पेश होने वाला अविश्वास प्रस्ताव सरकार के लिए इम्तिहान कम है बल्कि विपक्ष की परीक्षा ज्यादा है क्योंकि संख्या बल सरकार के साथ है। देखना दिलचस्प होगा कि सरकार के खिलाफ विपक्ष कितनी मजबूती से टिक पाता है।
संख्या बल में यूं तो सरकार का पलड़ा भारी है लेकिन विपक्ष के चेहरे पर इसे लेकर कोई शिकन नहीं। लोकसभा में जो सीटों का समीकरण है उसके मुताबिक बीजेपी के पास अकेले दम पर बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ों से पांच सीट ज्यादा है। लेकिन चूंकि विपक्ष ने बहुमत पर अविश्वास जताया है, लिहाजा सरकार ने अपनी पूरी ताकत दिखाने की रणनीति बना ली है ताकि विपक्ष ही नहीं पूरे देश को संदेश जाए कि मोदी सरकार कितनी मजबूत है। इसके लिए पार्टी और गठबंधन के तमाम ढीले पेंच कसे जा चुके हैं।
बीजेपी की तरफ से गृह मंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह, बीजेपी किसान मोर्चा के अध्यक्ष विरेंद्र सिंह मस्त और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल पक्ष रखेंगे। अमित शाह और अनंत कुमार ने बीजेपी के इन नेताओं की लिस्ट तैयार की है। इस बीच संभावना यह भी जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कांग्रेस के सवालों पर पलटवार कर सकते हैं।
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर लोकसभा में शुक्रवार को होने वाली चर्चा में कौन पार्टी कितनी देर बोलेगी, इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ने समय तय कर दिया है। जानकारी के मुताबिक बहस के बीच लंच ब्रेक नहीं होगा और कुल चर्चा के सात घंटे तक चलेगी। हालांकि, सदन की सहमति से समय को बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि चर्चा के लिए पार्टी की शक्ति के आधार पर समय तय किया जाता है।
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला मुख्य दल तेलुगु देशम पार्टी (TDP) लोकसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत करेगा। कुल 7 घंटे के समय में अध्यक्ष ने TDP को बोलने के लिए 13 मिनट का समय दिया है। पार्टी की ओर से जयदेव गल्ला पहले वक्ता होंगे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस पर बोल सकते हैं।
अन्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को क्रमश : 29 मिनट, 27 मिनट, 15 मिनट और 9 मिनट का समय दिया गया है। सदन में बहुमत वाली सत्तारूढ़ भाजपा को चर्चा में तीन घंटे और 33 मिनट का समय दिया गया है।
543 सांसदों वाली लोकसभा में इस वक्त 11 सीटें खाली हैं। यानी लोकसभा में सांसदों की मौजूदा संख्या 532 है। इस लिहाज से बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 267 सीटों का है। फिलहाल बीजेपी के 272 सांसदों के साथ सरकार के पक्ष में कुल 295 सांसद हैं। उधर, विरोध में 147 सासंद हैं जबकि शिवसेना के 18 सांसदों को मिलाकर 90 सांसद अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे या विरोध ये फिलहाल साफ नहीं हो पाया है।