फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
केंद्र सरकार के नये रोड सेफ्टी बिल के विरोध में हरियाणा में 7 अगस्त को रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे और रोडवेज की बसों का संचालन पूर्ण रूप से बंद रहेगा। यह ऐलान किया है कि हरियाणा में रोडवेज की 2 बड़ी यूृनियनों ने।
हरियाणा रोडवेज की हड़ताल को लेकर आज फतेहाबाद के बस स्टैंड परिसर में एक गेट मीटिंग आयोजित की गई जिसमें हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य उपप्रधान सुमेर सिवाच ने बतौर मुख्यवक्ता हिस्सा लिया। गेट मीटिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी के खिलाफ कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की।
मीडिया से बात करते हुए हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य उपप्रधान सुमेर सिवाच ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से व्हीकल एक्ट में बदलाव करते हुए जो नया रोड सेफ्टी बिल लाया गया है उसमें ना तो चालक सुरक्षित है और ना ही जनता के लिए बेहतर परिवहन संचालन सुविधा की व्यवस्था है।
सुमेर सिवाच ने कहा कि इसके अलावा नये बिल के तहत राज्य सरकारों के पास बसों के परमिट देने का अधिकार नहीं रहेगा और यह अधिकार केंद्र सरकार के पास चला जाएगा जिससे परमिट की एक कानूनी प्रक्रिया लंबी हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा में रोडवेज के निजीकरण की ओर सरकार बढ़ रही है जिससे रोडवेज को नुकसान होगा। नई भर्तियां नहीं होगी जिससे रोडवेज में रोजगार नहीं मिल पाएगा।
सुमेर सिवाच ने बताया कि प्रदेश में रोडवेज की बस की मांग हर गांव से पहुंच रही है लेकिन बसें नहीं होने के कारण गांवों में रोडवेज की सुविधा प्रभावित है। ऐसे में सरकार से मांग है कि 12 हजार नई बसें सरकार रोडवेज को उपलब्ध करवाए ताकि जनता को बेहतर परिवहन सुविधा मिल सके। सिवाच ने सभी यूनियनों की ओर से सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार रोड सेफ्टी बिल को वापिस ले और रोडवेज के निजीकरण का फैसला निरस्त करे। इसी के विरोध में 7 अगस्त को प्रदेश में रोडवेज की हड़ताल का ऐलान किया है और सरकार अगर मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो रोडवेज कर्मचारी बड़ा आंदोलन करेंगे।