हिसार

9 अगस्त को होगा भारत बंद, दलित सेना के प्रदेशाध्यक्ष ने की घोषणा

हिसार,
दलित सेना के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीन सभ्रवाल ने घोषणा की है कि 9 अगस्त को भारत बंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुसूतिच जाति एवं अनुसूचित जनजाति निवारण कानून 1989 में किए गए संशोधन को लेकर पूरे देश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के बीच काफी आक्रोश है। 20 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून में एफआईआर दायर होने के बाद अग्रिम जमानत दी जा सकती है। यह मूल दलित एक्ट के खिलाफ है।

लोक जनशक्ति पार्टी और दलित सेना इस मुद्दे को लेकर शुरु से मांग कर रही है कि एक्ट में किसी भी प्रकार का संशोधन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अधिकारों का हनन है। अत: केंद्र सरकार अविलंब अध्यादेश लेकर आए या संसद के चालू सत्र में बिल पेश करे। उन्होंने बताया कि लोक जन शक्ति पार्टी की ओर से पार्टी के चेयरमैन चिराग पासवान ने 26 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटिशन भी दायर किया था। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम बिलास पासवान और पार्टी के पार्लियामेंटरी बोर्ड के चेयरमैन चिराग पासवान इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 23 जुलाई 2018 की एनडीए के सभी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के संसद सदस्यों की बैठक 12 जनपथ, नई दिल्ली में हुई। बैठक में सभी सदस्यों की आम राय थी कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एक्ट को दुरुस्त कर पूर्व की स्थिति में बहाल न करने के कारण पूरे देश के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के बीच गलत संदेश गया है। अत: अविलंब संसद में बिल लाकर दुरुस्त किया जाए। सभी संसद सदस्यों ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के जज ए.के. गोयल जिन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एक्ट में संशोधन कर दलितों के हित पर कुठाराघात किया है,

उन्हें अविलंब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के चेयरमैन पद से हटाया जाए। इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी और दलित सेना शुरू से मांग कर रही है कि न्यायपालिका में आरक्षण की व्यवस्था की जाए और संविधान की धारा 312 के अनुसार भारतीय न्यायिक सेवा (इंडियन ज्यूडीशियल सर्विस) का गठन किया जाए और निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण की व्यवस्था की जाए। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए जो आरक्षण के नियम हैं वह कानून के द्वारा नहीं है वे प्रशासनिक आदेश के द्वारा लागू किए गए हैं, उसे पार्लियामेंट में एक्ट के रूप में लाकर लागू कराया जाए और संविधान की 9वीं अनुसूची में डाला जाए। उन्होंने कहा की हमारी इन मागों को केंद्र सरकार जल्दी से पूरा करे नहीं तो दलित समाज 9 अगस्त को भारत बंद करने से पीछे नहीं हटेगा। हमारा आंदोलन शांति प्रिय रहेगा।

दलित सेना के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीन सभ्रवाल ने कहा की हमारे समाज के लोगो ने जो पीछे आंदोलन किया था उसमे हिंसा करने वाले लोगों में हमारे समाज का कोई भी आदमी नहीं था और बाहर के लोगों ने हिंसा भड़काने का काम किया है। हमारे समाज के लोगों पर गलत केस बनाए गए है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk