हिसार

सिखों की चेतावनी पर बेकफुट पर आई पुलिस, हटेगी धारा 307

हिसार,
दो दिन पूर्व रात्रि के समय सिख परिवार की महिलाओं से दुव्र्यवहार करने, परिवार से मारपीट करने, गर्भवती महिला व बुजुर्ग सिख से मारपीट करने के अलावा धार्मिक चिन्ह का अपराध करने तथा पीडिया परिवार पर ही हत्या प्रयास सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किये जाने की सिख समाज ने कड़ी निंदा की है। सिख समाज ने पीडि़तों पर ही मुकदमा दर्ज करने की तत्परता दिखाने वाले सिविल लाइन थाना प्रभारी को बर्खास्त करने व मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।

न्याय न मिलने की हालत में सिख समुदाय ने किसी भी हद तक संघर्ष करने की चेतावनी दी है।
इस संबंध में सिख समाज के प्रमुख लोगों की महत्वपूर्ण बैठक श्री गुरुद्वारा सिंह सभा नागोरी गेट में हुई। बैठक में हरियाणा, पंजाब और दिल्ली से सिख संस्थाओं के नेता शामिल हुए जिसमें मामले में कानूनी लड़ाई लडऩे का प्रण किया गया। बैठक में वक्ताओं ने इस मामले को राजनीतिक रंग न देने और कानून के दायरे में रहते हुए शरारती तत्वों पर कार्रवाई, सिख परिवार के खिलाफ मामला वापस लेने व एफआईआर रद्द करने की मांग की गई। साथ ही मांग की गई कि इस मामले में सिविल लाइन थाना प्रभारी व अन्य स्टाफ की भूमिका की जांच की जाए क्योंकि मामले की जांच की बजाय पीडि़त सिख परिवार पर ही हत्या प्रयास सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज करने की जो तत्परता सिविल लाइन पुलिस ने दिखाई है, वह निंदनीय व पूरे समाज पीडि़त करने वाली है।

बैठक में शामिल संस्थाओं ने पीडि़त परिवार की हर तरह से कानूनी और सामाजिक रूप से सहायता करने का संकल्प किया। श्री गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान सरदार रमिंदर सिंह शंटी ने मंच संचालन किया। बैठक में पीडि़त परिवार की महिला कंवलजीत कौर ने पूरी घटना का विवरण दिया कि किस प्रकार शराब पीये युवकों ने उनसे दुव्र्यवहार किया और उनके धार्मिक चिन्हों का अपमान किया। इस मामले में उन्होंने मेडिकल जांच पर भी सवाल उठाये जिसमें युवकों को शराब पीये हुए नही बताया है। सिख समाज की संस्थाओं ने पीडि़त परिवार की सहायता करने उन्हें कानूनी सहयोग करने के लिए 11 सदस्य समिति गठित करने, मुख्यमंत्री से मिलने और इंसाफ मिलने तक कानूनी लड़ाई लडऩे का फैसला किया। वक्ताओं ने इस मामले में सरकार को चेतावनी दी कि यदि इस मामले को सही ढंग से न निपटा गया तो ये समाजी तनाव का मुद्दा बन सकता है। सिख समाज के लोगों ने शहर में विरोध मार्च भी निकाला और समाज की एकता के नारे लगाते हुए सिख परिवार से मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर बैठक की अध्यक्षता कालांवाली से अकाली विधायक सरदार बल्किर सिंह ने की। हरियाणा शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जगजीत सिंह झींडा, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की सदस्य अमरजीत कौर, बलदेव सिंह खालसा, प्रबंधक सरदार परमजीत सिंह और दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी के सदस्यों के अलावा गुलजार सिंह काहलों, गौतम सरदाना, गोल्डी व सुखसागर सिंह सहित शहर की विभिन्न संस्थाओं के सदस्य और गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
एसपी से की मुलाकात, धारा 307 हटाने का आश्वासन
नागोरी गेट स्थित गुरूद्वारा में बैठक के बाद सिख समुदाय के गणामन्य व्यक्तियों ने पुलिस अधीक्षक शिवचरण से मुलाकात की और मामले में पुलिस की भूमिका पर रोष जताया। उन्होंने पीडि़त परिवार पर ही केस दर्ज करने वाले एसएचओ सिविल लाइन को बर्खास्त करने व झूठा केस रद्द करने की मांग की। पुलिस अधीक्षक ने सिख समुदाय को बताया कि मामले की जांच के लिए डीएसपी की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इसमें सिख समुदाय के व्यक्ति भी शामिल होंगे और मामले की निष्पक्ष जांच होगी ताकि किसी से अन्याय न हो। उन्होंने सिख समाज को आश्वस्त किया कि इस मामले की जांच के लिए उन्हें फिर से एकत्रित होने या उनके पास आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने बातचीत में यह भी कहा कि पीडि़त परिवार पर लगाई गई धारा 307 हटा दी जाएगी और अन्य धाराओं बाबत कानूनी राय व जांच के बाद कार्रवाही होगी। उन्होंने सिख समुदाय को पुलिस की भूमिका की जांच का आश्वासन भी दिया।

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