हिसार,
5 सितंबर को रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी द्वारा घोषित चक्का जाम को लेकर सरकार से हुई आज वार्ता विफल हो गई। इसके चलते अब हिसार डिपो में वीरवार को गेट मिटिंग को बुलाया गया है। उक्त जानकारी देते हुए डिपो प्रधान रामसिंह बिश्नोई ने बताया कि सरकार के अड़ियल रवैये के चलते रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर जाने को विवश है।
बता दें, सरकार की वादाखिलाफी, तानाशाही व 700 बसें निजी कम्पनियों से हायर करने के विरोध में ज्वाइन्ट एक्शन कमेटी के आह्वान पर 5 सितम्बर को होने वाली राज्यव्यापी हड़ताल को लेकर आज सरकार ने ज्वाईन्ट एक्शन कमेटी को वार्ता के लिए हरियाणा निवास चण्डीगढ़ में बुलाया था।
बैठक में सरकार की तरफ से परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, एसीएस धनपत सिंह, महानिदेशक विकास गुप्ता व अतिरिक्त महानिदेशक विरेन्द्र दहिया आदि मौजूद थे। ज्वाइन्ट एक्शन कमेटी की तरफ से हरिनारायण शर्मा, दलबीर किरमारा, बलवान सिंह दोदवा, आजाद गिल, नसीब जाखड़, अनुप सहरावत, जयभगवान कादियान, सतीश मकड़ौली, बाबूलाल यादव व रमेश सैनी शामिल थे।
सरकार 700 निजी बसें चलाने पर जोर दे रही थी। सरकारी पक्ष का कहना था कि ये बसें हर हाल में चलेगी। निजी बसों को छोड़कर अन्य मांगों पर बातचीत की जा सकती है। इस पर रोडवेज कर्मचारी नेताओं ने सरकार की बातचीत की पेशकश को छल बताते हुए 5 सितंबर को हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया। कर्मचारी नेताओं ने साफ किया कि यदि सरकार 5 सितंबर के चक्के जाम से नहीं जागी तो यह हड़ताल अनिश्चितकालिन हो सकती है।
वहीं बताया जा रहा है कि परिवहन विभाग के एसीएस ने बड़े की सख्ती भरे लहजे में कर्मचारी यूनियनों को कहा है कि बार बार ब्लैकमेल ना करें। हड़ताल करेंगे तो सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।