नई दिल्ली,
जैन मुनि तरुण सागर का 51 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के शाहदरा के कृष्णानगर में शनिवार सुबह 3:18 बजे अंतिम सांस ली। दरअसल, उन्हें पीलिया हुआ था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के ही एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है उनपर दवाओं का असर होना बंद हो गया था।
कहा जा रहा है कि जैन मुनि ने इलाज कराने से भी इनकार कर दिया था और कृष्णानगर स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल पर जाने का निर्णय लिया। जैन मुनि तरुण सागर का अंतिम संस्कार दोपहर 3 बजे दिल्ली मेरठ हाइवे स्थित तरुणसागरम तीर्थ पर होगा। उनकी अंतिम यात्रा दिल्ली के राधेपुर से शुरू होकर 28 किमी दूर तरुणसागरम पर पहुंचेगी।
अपने बयानों को लेकर रहते थे चर्चा में
जैन मुनि तरुण सागर अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते थे। जैन मुनि ने देश की कई विधानसभाओं में प्रवचन दिया। हरियाणा विधानसभा में उनके प्रवचन पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद संगीतकार विशाल डडलानी के एक ट्वीट ने काफी बवाल खड़ा कर दिया था। मामला बढ़ता देख विशाल को माफी भी मांगनी पड़ गई थी। इस विवाद के बाद आम आदमी पार्टी से जुड़े संगीतकार डडलानी ने राजनीति से अपने आप को अलग कर लिया था।
आतंकवाद और गद्दार
आतंकवाद पर एक बार उन्होंने कहा था कि जितने आतंकवादी पाकिस्तान में नहीं हैं, उससे ज्यादा गद्दार हमारे देश में मौजूद हैं। उन्होंने कहा था कि गद्दारों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आंतरिक आतंकवाद खत्म हो सके।
अपने एक बयान में उन्होंने ये भी कहा था कि देश के कुछ मुसलमान ऐसे हैं, जिनका हिंदुस्तान में मन नहीं लगता उन्हें पाकिस्तान भेज देना चाहिए। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि जिन हिंदुओं का पाकिस्तान में मन नहीं लगता उन्हें हिंदुस्तान बुला लेना चाहिए।
तीन तलाक पर दिया था बयान
बीते 10 अगस्त को उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से जुड़े तीन तलाक के मुद्दे पर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जो लोग मुस्लिम महिलाओं के कल्याण का दावा कर रहे हैं, वह महज दिखावा है, ऐसे नेताओं या दलों को महिलाओं के हक से कोई लेना-देना नहीं है, वह बस अपनी राजनीति कर रहे हैं।
एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि देश में हर तीसरा व्यक्ति भ्रष्टाचारी है। जैनमुनि ने कहा था कि देश के 10 फीसदी लोग ही पूरी तरह ईमानदार हैं।
नेताओं पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने ये भी कहा था कि छोटी चोरी करने वाले जेलों में बंद हैं और जो बड़ी-बड़ी चोरियां करते हैं वो लोकसभा और विधानसभा में बैठे हुए हैं।
प्रवचन दें संत
जैनमुनि तरुण सागर अक्सर राजनेताओं पर चोट करते थे। उन्होंने एक बार कहा था कि अगर लोकसभा विधानसभा में बैठने वाले लोग सुधर जाएं, तो एक अरब 34 करोड़ 97 लाख लोग भी सुधर जाएंगे।
सदन में संत के प्रवचन का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा था कि संतों को अब जनता के बीच प्रवचन नहीं करने चाहिए बल्कि राजनेताओं के लिए लोकसभा व विधानसभा में प्रवचन करने चाहिए, क्योंकि सबसे ज्यादा जरूरत वहीं है।
लव जिहाद पर भी विवादित बयान
लव जिहाद जैसे बड़े विवादित मुद्दे पर भी जैनमुनि ने अपनी राय रखी। उन्होंने लव जिहाद को मुसलमानों की साजिश बताते हुए कहा था कि झूठे प्यार के नाम पर हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि अगर लव जिहाद को नहीं रोका गया तो कुछ दिनों में भारत दूसरा पाकिस्तान बन जाएगा।
मुस्लिम आबादी देश के लिए खतरा
मुसलमानों की आबादी पर भी तरुण सागर के बयान से विवाद हो गया था। उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों की बढ़ती आबादी देश के लिए खतरा है। साथ ही वो मुस्लिम भी देश के लिए खतरा हैं, जो ये कहते हैं कि भारत तेरे टुकड़े होंगे और भारत की हार पर जश्न मनाते हैं।
फर्जी बाबा के खिलाफ
तरुण सागर ने दशहरा के मौके रावण की जगह दुष्कर्मी बाबाओं के पुतले जलाने की बात भी कही थी। उन्होंने कहा था कि दशहरा तभी सार्थक होगा जब हम सब एक साथ मिलकर इन फर्जी बाबों के खिलाफ खड़े हो जाएंगे। वो कहते थे कि जिन बाबाओं पर अदालत में दुष्कर्म के आरोप सिद्ध हो गए हैं उन सभी का पुतला बनाकर दशहरे पर दहन करना चाहिए जिससे सामाज में एक सन्देश जा सके।
आरक्षण के खिलाफ
तरुण सागर आरक्षण के खिलाफ थे। उन्होंने कहा था कि यह देशहित में नहीं है और योग्यता एवं पात्रता के आधार पर ही आरक्षण होना चाहिए, तभी देश का भला होगा। उन्होंने कहा था कि पूरे देश में आरक्षण को लेकर आंदोलन हो रहे हैं, यह अच्छी परंपरा नहीं है।
जैन मुनि तरुण सागर का जन्म मध्य प्रदेश के दमोह में 26 जून, 1967 को हुआ था। उनकी मां का नाम शांतिबाई और पिता का नाम प्रताप चंद्र था। तरुण सागर ने आठ मार्च, 1981 को घर छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ में दीक्षा ली।