जयपुर,
हाईकोर्ट ने सड़कों पर गड्ढों और आवारा पशुओं को लेकर अदालत के आदेश की पालना न होने के कारण तल्खी दिखाते हुए मौखिक रूप से अफसरों को चेतावनी दी है। हाईकोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा, यदि 7 दिन में हालात नहीं सुधरे तो अफसरों को जेल भेजा जाएगा। कोर्ट ने कार्रवाई करते हुए 7 दिन के अंदर शपथ पत्र पेश करने के भी आदेश दिए।
कोर्ट ने सुनवाई को 14 सितंबर तक टालते हुए नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त और जयपुर नगर निगम आयुक्त को भी दोबारा बुलाया है। न्यायधीश मनीष भंडारी ने आवारा पशु की टक्कर से विदेशी नागरिक की मौत के बाद स्वप्रेरणा से दर्ज की गई याचिका पर शुक्रवार को हुई सुनवाई में यह आदेश दिए। सुनवाई में नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के गोयल, जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त वेभव गालरिया और जयपुर नगर निगम आयुक्त मोहन लाल यादव हाजिर रहे थे।
कोर्ट ने मांगा जवाब
कोर्ट ने पूछा आदेश की अवमानना न होने का कारण। अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कहा मानूस सीजन खत्म होने के बाद होगा सड़कों की मरम्मत का काम। अवमानना न होने पर कोर्ट ने कहा, तब तक क्या? क्या ऐसी कोई तकनीक नहीं जिससे आए दिन सड़कों पर खर्च न करना पड़े। कोर्ट ने कहा, अधिकारी तकनीक सीखने के लिए विदेश जाते हैं लेकिन किसी तरह का हल नहीं निकलता है। पिछली सुनवाई में सड़कों पर गड्ढे और आवारा पशुओं की नीति बनाने और समस्या का समाधान निकालने के लिए कहा गया था लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। यदि कानून का पालन नहीं हुआ तो जिम्मेदारों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।