मथुरा,
मथुरा जिले में प्रशासन अजीब असमंजस की स्थिति से गुजर रहा है। दरअसल, एक आरटीआई के जरिए मथुरा के जिला प्रशासन से भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, उनका गांव, ब्रज की लीलाओं आदि के संबंध में कई जानकारियां मांगी हैं, जिसको लेकर सरकारी अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। आरटीआई में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रतिलिपि सांझा करने की मांग की गई है।
आरटीआई दाखिल कर मांगे जवाब
छत्तीसगढ़ के एक आरटीआई कार्यकर्ता जैनेंद्र कुमार गेंदले ने मथुरा जिला प्रशासन से भगवान कृष्ण के जन्म और उनसे जु़ड़ी कई जानकारियां मांगी हैं। इस मामले पर मथुरा के मुख्य जनसूचना अधिकारी और अपर जिलाधिकारी (एडीएम कानून- व्यवस्था) रमेश चंद्र ने कहा कि जनमान्यता और आस्था से जुड़े सवालों के क्या जवाब दिए जाएं। विभाग इसको लेकर असमंजस की स्थिति में है।
जन्म प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रतिलिपि मांगी
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता जैनेंद्र कुमार गेंदले दाखिल किए गए आरटीआई में लिखते हैं, ‘पिछले 3 सितम्बर को देश भर में कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर छुट्टी की घोषणा कर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाया गया। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण के जन्म प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रतिलिपि साझा की जाए ताकि ये सिद्ध हो सके कि उनका जन्म उसी दिन हुआ था।
‘क्या श्रीकृष्ण सच में भगवान थे?’
साथ ही ये भी बताने को कहा गया है कि क्या वे सच में भगवान थे? और थे, तो कैसे? उनके भगवान होने की प्रमाणिकता भी उपलब्ध कराई जाए। भगवान कृष्ण का गांव कौन सा था? उन्होंने कहां-कहां लीलाएं कीं? इस सवालों पर रमेश चंद्र ने कहा कि हिंदू धर्म से जुड़े ग्रंथों में इस प्रकार के वर्णन मौजूद हैं कि भगवान कृष्ण का जन्म द्वापर युग में तत्कालीन शौरसेन (वर्तमान में मथुरा) जनपद में हुआ था। धार्मिक आस्था से जुड़े ऐसे सवालों के क्या जवाब दिए जाएं, इसपर विभाग अभी विचार कर रहा है।