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रोहतक 7 हत्या मामला : दोषी सोनम और प्रेमी की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली,
सुप्रीम कोर्ट ने रोहतक में अपने परिवार के सात लोगों की हत्या करने वाली सोनम की फांसी की सजा पर रोक लगाई है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से सोनम की अपील पर जवाब मांगा है। निचली अदालत और हाईकोर्ट ने सोनम और उसके आशिक को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके ख़िलाफ़ सोनम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की।

मामले में रोहतक के कबूलपुर गांव में अपने परिवार के तीन छोटे बच्चों और 70 वर्षीय बुजुर्ग सहित 7 लोगों को जहर देकर हत्या करने वाली सोनम और उसके प्रेमी की मौत की सजा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा था कि इस तरह अपने माता-पिता और छोटे-छोटे बच्चों की हत्या करने वालों पर किसी भी सूरत में रहम नहीं किया जा सकता है।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, सोनम उर्फ सोनू और नवीन उर्फ मोनू का प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों का जाति गोत्र एक होने के चलते सोनम के परिवार वाले इस रिश्ते के खिलाफ थे। लगातार इन दोनों पर संबंध तोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। 14 सितंबर 2009 की रात को सोनम की दादी भूरी देवी (60), ताई प्रोमिला (35), ताऊ सुरेंद्र (40), बहन सोनिका (12), भाई अरविंदर (16), बहन मोनिका (10) भाई विशाल (8) की हत्या कर दी गई। सभी सात लोगों को जहर देकर हत्या की गई थी।

ट्रायल कोर्ट ने दिया था दोषी करार
पुलिस ने गहन जांच के बाद इस मामले में सोनम नवीन और उनके एक अन्य साथी जयवीर को गिरफ्तार कर लिया था। वर्ष 2014 में ट्रायल कोर्ट ने इन तीनों को दोषी करार दे सोनम और नवीन को फांसी की सजा सुना दी थी। हत्या में इस्तेमाल होने वाला जहर उपलब्ध करवाने के लिए जसबीर को भी दोषी करार दिया था। ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ इन तीनों ने हाई कोर्ट में अपील दायर कर दी थी।

मामला जब ट्रायल कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए पहुंचा था तो दोनों की ओर से जीने के अधिकार की दलील देते हुए रहम की मांग की गई थी। वहीं पुलिस की ओर से 2001 से रेलू राम पुनिया हट हत्याकांड तथा 2010 में उत्तराखंड में हुए सुंदर केस का हवाला देते हुए कहा गया था कि इन दोनों मामलों में परिवार की हत्या की गई थी। ऐसे में यह मामला भी रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है और दोनों को मौत की सजा होनी चाहिए। सेशन जज ने इसके बाद दोनों को मौत की सजा सुनाते हुए सुनारिया जेल भेज दिया था।

14 सितंबर 2009 की रात को सोनम ने परिवार के खाने में जहर मिला दिया था। खुद उसे वह खाना न खाना पड़े, इसलिए परिवार को बताया कि उसका व्रत है। जब परिवार के सभी सदस्य गहरी नींद में सो गए थे तो बारी-बारी से सभी का गला दबा दिया गया। इसके बाद सोनम ने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया और सुबह जब ग्रामीण पहुंचे तो बताया कि लूटपाट करने वालों ने परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर दी और उसे बाथरूम में बंद कर दिया। जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने वारदात कबूल कर ली।

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