हिसार,
उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि प्रदुषण नियंत्रण कन्ट्रोल बोर्ड ने जिला में फसल अवशेष जलाने के मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करवाया है तथा 12 किसानों से 45 हजार रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष धान के सीजन के दौरान फसल अवशेष जलाने के 122 केस दर्ज करवाये गए थे। उन्होंने कहा कि अब कोई भी किसान फसल अवशेष चोरी छिपे नहीं जला सकता।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित हरसेक केन्द्र सैटलाईट के माध्यम से पूरे प्रदेश में निगरानी कर रहा है। यदि किसी क्षेत्र में फसल अवशेष जलाने की घटना होती है तो सटेलाईट के माध्यम से फसल अवशेष जलाने की घटना का पता चल जाता है और प्रदूषण नियंत्रण कन्ट्रोल बोर्ड की टीम द्वारा उस क्षेत्र का फिजिकल वैरीफिकेशन कर पुलिस केस दर्ज करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग फसल अवशेष प्रबंधन के लिए विभिन्न कृषि उपकरण 50 से 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवा रहा है।
किसानों को फसल अवशेष जलाने की बजाय फसल अवशेष का पशुओं के लिए तुड़ा या भूमि में मिलाकर भूमि की उर्वरा शक्ति बढा सकता है। फसल अवशेष जलाने से न केवल आस पास के क्षेत्र में में प्रदुषण फैलता है बल्कि पशु पक्षी व प्राणी के स्वास्थ पर भी विपरित असर पड़ता है और पर्यावरण भी प्रभावित होता है। ऐसे में किसानों को चाहिए की वे फसल कटाई के बाद के बचे फसल अवशेष को जलाने की बजाय उसका उचित प्रबंधन करें। फसल अवशेष प्रबंधन बारे किसान संबंधित कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर सकता है। इसके साथ-साथ हरियाणा सरकार भी फसल अवशेष प्रबंधन बारे जागरूकता शिवरों का भी आयोजन कर रही है।