हिसार,
रामपाल और उसके 14 समर्थकों के लिए मुकदमा नंबर 430 में आज सजा का एलान होगा। धारा के मुताबिक, रामपाल को उम्रकैद या फांसी और कम से कम 20 साल की कैद हो सकती है। यदि रामपाल और उसके समर्थकों को कोर्ट आज उम्रकैद की सजा सुनाती है तो यह एक ऐतिहासिक फैसला बन जायेगा। क्योंकि एक ही जीवनकाल में दो उम्रकैद की सजा मिलना अपने—आप में ऐतिहासिक हो जाता है। हालांकि कानून के जानकारों का मानना है कि आज के फैसले में कोर्ट उम्रकैद की सजा नहीं देगी। क्योंकि मुकदमा नंबर 429 में रामपाल को उम्रकैद मिल चुकी है ऐसे में अब उम्रकैद न होकर इससे ज्यादा या कम सजा हो सकती है। कानून के जानकारों का कहना है कि सजा सुनाते समय कोर्ट पिछली सजा को ध्यान में रखेगा, इसके बाद ही सजा का ऐलान करेगा।
वीर सावरकार को मिली ऐसी सजा
भारत के इतिहास में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को एक जीवनकाल में दो उम्रकैद की सजा मिली थी। लेकिन यह सजा गुलामी के समय अग्रेंजी हुकूमत ने सुनाई थी। आजाद भारत में ऐसा अब तक नहीं हुआ है। ऐसे में आज की सजा पर रामपाल के समर्थकों के अलावा कानून के जानकारों की भी नजर रहेगी।
रामपाल के साथ इन लोगों का भी होगा फैसला
मुकदमा नंबर 430 है रामपाल समेत 14 आरोपी हैं। इस केस में एक महिला रजनी की मौत हुई थी। इन दोनों मुकदमों में रामपाल समेत 6 लोग ऐसे हैं, जो दोनों मुकदमों में आरोपी हैं। इस मुकदमे में रामपाल, उसका बेटा वीरेंद्र, भांजा जोगेंद्र, बहन पूनम व मौसी सावित्री के अलावा बबीता, राजकपूर उर्फ प्रीतम, राजेंद्र, सतबीर सिंह, सोनू दास, देवेंद्र, जगदीश, सुखवीर सिंह, खुशहाल सिंह, अनिल कुमार को कोर्ट ने दोषी ठहराया था।