हिसार,
रामपाल और उसके 14 समर्थकों के लिए मुकदमा नंबर 430 में आज सजा का ऐलान हुआ। अदालत ने मामले में सजा सुनाते हुए रामपाल और उसके सभी 14 समर्थकों को इस केस में भी आजीवन कैद की सजा सुनाई। अदालत ने सभी अरोपियों पर 2 लाख 5 हजार रुपए का आर्थिक दंड़ भी लगाया है। यदि आर्थिक दंड़ नहीं भरा जाता तो आरोपियों को अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा सुनाते हुए अदालत ने साफ किया कि रामपाल को पहले ही मुकदमा नंबर 426 में आजीवन कैद की सजा दी गई है, उसमें भी हत्या का मामला था और आज के मुकदमें में भी हत्या का मामला है। ऐसे में दोनों में एक ही सजा को बरकरार रखा जाता है। वहीं रामपाल के वकीलों ने इसे जल्दबाजी में दिया गया फैसला बताते हुए हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही।
रामपाल के साथ इन लोगों को मिली सजा
मुकदमा नंबर 430 है रामपाल समेत 14 दोषी थे। इस केस में एक महिला रजनी की मौत हुई थी। इन दोनों मुकदमों में रामपाल समेत 6 लोग ऐसे हैं, जो दोनों मुकदमों में आरोपी हैं। इस मुकदमे में रामपाल, उसका बेटा वीरेंद्र, भांजा जोगेंद्र, बहन पूनम व मौसी सावित्री के अलावा बबीता, राजकपूर उर्फ प्रीतम, राजेंद्र, सतबीर सिंह, सोनू दास, देवेंद्र, जगदीश, सुखवीर सिंह, खुशहाल सिंह, अनिल कुमार को आजीवन सजा सुनाई।
वीर सावरकार को मिली ऐसी सजा
भारत के इतिहास में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को एक जीवनकाल में दो उम्रकैद की सजा मिली थी। लेकिन यह सजा गुलामी के समय अग्रेंजी हुकूमत ने सुनाई थी। आजाद भारत में ऐसा अब तक नहीं हुआ है।