हिसार

दलितों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में बाबा रामदेव वकील की मार्फत अदालत में पेश

हिसार,
लखनऊ में 25 अप्रैल 2014 को प्रेस कॉंफ्रेंस कर दलितों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी मामले में हिसार की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजकुमार जैन की अदालत में चल रहे मामले में जारी नोटिस के बाद मंगलवार को बाबा रामदेव अपने वकील की मार्फत अदालत में पेश हुए उनके वकील लाल बहादुर खोवाल व अजय गुलाटी ने उनकी तरफ से वकालतनामा पेश किया। इससे पहले 5 अक्टूबर को शिकायतकर्ता दलित राईट एक्टिविस्ट व अधिवक्ता रजत कल्सन ने बाबा रामदेव के खिलाफ एक रिवीजन याचिका हिसार सत्र न्यायाधीश की अदालत में दायर की थी जिस पर हिसार के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजकुमार जैन ने 5 अक्टूबर को बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया था जिसके बाद अगली तारीख पेशी दिनांक 22 अक्टूबर बाबा रामदेव या उसकी तरफ से कोई वकील अदालत में पेश नही हुए, जिसके बाद अदालत ने निचली कोर्ट का रिकॉर्ड अदालत में तलब कर दिया था।

इस बारे में मंगलवार को अदालत में सुनवाई थी जो कि बाबा रामदेव की तरफ से उनके दोनों अधिवक्ताओं ने अदालत में पेश होकर अदालत ने अपना वकालतनामा दिया। अब इस मामले में अदालत ने आगामी 26 नवंबर की तारीख सुनवाई के लिए मुकर्रर की है, जिस पर दोनों पक्षों की बहस हो सकती है गौरतलब है कि दिनांक 25 अप्रैल 2014 को बाबा रामदेव ने लखनऊ में प्रेस कॉफ्रेंस करके राहुल गांधी पर कटाक्ष करते वक्त दलितों के खिलाफ भी एक आपत्तिजनक व अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी, जिस बारे शिकायतकर्ता ने 26 अप्रैल 2014 को बाबा रामदेव के खिलाफ हिसार के एसपी हिसार को शिकायत दी थी जिस पर कोई कार्रवाई ना होने के बाद शिकायतकर्ता अधिवक्ता रजत कल्सन ने हांसी सब डिविजनल ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट की अदालत में एक फौजदारी केस दिनांक 2 जून 2014 को दायर कर दिया था, जो गत 24 जुलाई को सब डिविजनल जुडिशल मजिस्ट्रेट हांसी की अदालत ने तकनीकी कारणों से खारिज कर दिया था, हालांकि ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हांसी की अदालत ने यह माना है कि बाबा राम देव का विवादित बयान एक जाति विशेष को नीचा दिखाने वाला था। इस के फैसले के खिलाफ शिकायतकर्ता अधिवक्ता रजत कल्सन ने हिसार सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की है जिस पर अब मौजूदा कार्रवाई चल रही है।

शिकायतकर्ता अधिवक्ता रजत कल्चर ने कहा कि बाबा रामदेव के खिलाफ शिकायत में गंभीर आरोप लगाए गए हैं तथा उनके बयानों की वीडियो रिकॉडिंग भी अदालत में पेश की गई है, जिसमें वह साफ-साफ तथा सरेआम दलितों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं तथा कुछ तकनीकी आधारों पर नीचे की अदालत ने उनकी शिकायत को खारिज कर दिया था, लेकिन आप उन्हें पूरी उम्मीद है कि अदालत बाबा रामदेव को तलब कर उन्हें सख्त से सख्त सजा सुनाएगी उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के खिलाफ जिन धाराओं में मुकदमा चल रहा है उन धाराओं में बाबा रामदेव 3 साल से लेकर 7 साल तक की सजा हो सकती है।

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