हिसार

कर्मचारियों को कार्यवाही का भय दिखाकर हड़ताल नहीं तोड़ पाएगी सरकार: कमेटी

हिसार,
रोडवेज की हड़ताल को तोडऩे के लिए सरकार ने पूरी ताकत झौंक दी है, लेकिन सरकार किसी भी सुरत में कामयाब नहीं हो पाएगी। रोडवेज के कर्मचारियों की एकता ओर प्रदेश के विभिन्न विभागोंमें कार्यरत कर्मचारियो ओर जनता से मिल रहे अपार समर्थन से सरकार बेचैन हो गई है। यह बात आज रोडवेज तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता राजपाल नैन कुलदीप मलिक, सुभाष ढिल्लो, अरुण शर्मा, रमेश माल, पवन बूरा ने संयुक्त बयान जारी कर कही।

उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के विभिन्न डिपूओ में अनेक चालक परिचालकों समेत अन्य कर्मचारियों को निलंबन व सेवा बर्खास्तगी जैसे आदेशों से रोड़ वेज कर्मचारी डरने वाले नहीं हैं ओर ना ही सरकार इस तरह के आदेश जारी करके 720 निजी बसों को चलाने में कामयाब हो पाएगी।किसी भी कीमत पर नहीं चलने देंगे सरकार के चहेतों की 720 निजी बसें ।इसके लिए रोड़ वेज के कर्मचारी किसी भी हद तक जा सकते हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जिस तरह से रोडवेज के कर्मचारियो को हड़ताल में आम जनता छात्र किसान दुकान दार व ग्रामीण पंचायतों का अपार समर्थन मिल रहा है उससे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस हड़ताल ने एक जन आन्दोलन का रूप धारण कर लिया है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हड़ताल को तोडऩे के भरसक प्रयास करने की कोशिश के बाद भी रोड़ वेज के कर्मचारियो का हौंसला दिन प्रति दिन बढता जा रहा है। उन्होंने एक बार फिर प्रदेश सरकार के मुखिया से निवेदन किया है कि यदि सरकार सही मायने में प्रदेश की जनता को सस्ती परिवहन सुविधा उपलब्ध कराना चाहती है तो सरकार को हठधर्मिता छोडऩी होगी और मुख्यमंत्री को स्वयं आगे आकर तालमेल कमेटी के नेताओं का पक्ष सुनना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि रोडवेज के कर्मचारी अपने निजी हित की बजाय विभाग को बचाने और आम जनता के हित को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जन हित में विभाग हित में व समाज हित में पालिसी बनाए यहां तक तो सही है लेकिन सरकार निजी हित पूंजीपति हित में पालिसी बनाकर रोडवेज को बर्बाद करे ये सही नहीं है ओर ना ही रोडवेज का कर्मचारी इतना डरपोक ओर कमजोर है कि वो इस तरह की पालिसी के खिलाफ चुप रह सकता है।

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है और संविधान के दायरे में रह कर ही तालमेल कमेटी के बैनर के नीचे रोडवेज के कर्मचारियो ने इन निजी बसों का विरोध किया है। इसके विपरित सरकार ने अलोकतांत्रित तरीके से कर्मचारियों की आवाज को दबाने का प्रयास किया है। उन्होंने आगे कहा कि हड़ताल समाप्त करने का केवल एक ही रास्ता है कि मुख्यमंत्री स्वयं तालमेल कमेटी के साथ बातचीत करें।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

Related posts

रोडवेज के 8200 कर्मचारियों को अनियमित कर सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों के जले पर नमक छिडक़ा : नैन

Jeewan Aadhar Editor Desk

आशा वर्करों ने जताया ऐप डाउनलोड करवाने का विरोध, दिया ज्ञापन

दुकानदारों के हितों के लिये कार्य करेंगे : सतीश मेहता