चंडीगढ़,
हरियाणा व पंजाब हाईकोर्ट ने हरियाणा में लंबे समय से चल रही रोडवेज हड़ताल को समाप्त करवा दिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने के लिए वह तैयार है लेकिन इससे पहले जनता के हित के लिए हड़ताल वापिस ली जाए। इस दौरान चीफ जस्टिस की कोर्ट में आज मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने यूनियन के नेता को कोर्ट में खड़ा कर सवाल जवाब किए। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि 12 तारीख को यूनियन और सरकार के नुमाइंदे के बीच बैठक करवाकर मसले को हल करवाएंगे।
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कोर्ट में यूनियन नेता हर नारायण शर्मा व बलवान सिंह पहुंचे। साथ ही परिवहन विभाग के एसीएस धनपत सिंह व अन्य अधिकारी भी पहुंचे। जिसमें हाईकोर्ट ने फिर से यूनियन के नेताओं से कहा कि हड़ताल से किसी का कोई भला नहीं होने वाला है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि अगली पेशी तक मामले का निपटारा कर दिया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि हड़ताली कर्मचारी कोर्ट पर भरोसा रखें। हम न्याय व्यवस्था के अंतर्गत सभी समस्याओं का हल निकालेंगे। रोडवेज नेताओं ने कहा कि उनके कई साथी जेल में है और कईयों के पीछे पुलिस लगी है। जिसका जवाब देते हुए कोर्ट ने कहा कि वह हड़ताल वापिस लेंगे तो वह एजी को हिदायत देंगे कि गिरफ्तारियां रोके। कोर्ट ने कहा कि दिवाली का त्यौहार है और हम चाहते है कि सब लोग अच्छे से इसे मनांए।
हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार व पुलिस भी इसमें कल तक कोई गिरफ्तारी न करे। साथ ही कर्मचारियों को कहा कि आज ही हड़ताल वापिस लें और कल से काम पर लोटे। चीफ ने कहा कि हड़ताल से किसी समस्या का समाधान नही है। समाधान बातचीत से होगा। लेकिन पहले आप स्ट्राइक वापिस ले। अगर आप कोर्ट पर भरोसा करते है तो हमारे भरोसे पर स्ट्राइक वापिस ले। हम सरकार को कहेंगे कि किसी को गिरफ्तार न करे और दर्ज मामले वापिस ले।
चीफ ने कहा कि वो यह नही कह रहे कि आप की कोई समस्या नही। आप अदालत पर भरोसा रखिये। चीफ जस्टिस ने कहा कि वो सरकार को कोई ऐसा कदम नही उठाने देंगे जिससे रोडवेज़ को नुकसान हो। कोर्ट ने कहा कि बगैर कोर्ट की परमिशन के रोडवेज़ के किसी कर्मचारी के खिलाफ सरकार कोई एक्शन नही लेगी। हड़ताल के दौरान निलम्बित, बर्खास्त, गिरफ्तारी के आदेश हड़ताल खत्म होते ही खत्म हो जायेगे।