जींद,
सांसद दुष्यंत चौटाला ने मंच के माध्यम से पूछा कि आखिर उनकी क्या खता थी, जिसकी सजा उनको दी गई है। उन्होंने कहा चौ.ओमप्रकाश चौटाला उनके दादा है, थे और रहेंगे। उनका हर फैसला वे मानते है। एक दिन ऐसा आयेगा कि वे चौ. ओमप्रकाश चौटाला को इसी मंच पर खड़ा करके दिखायेंगे कि उन्हें कमजोर करने वाले कामयाब नहीं हो पाए है।
सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा पांडवों को वन में भेजने वाले बहुत खुश हुए थे, लेकिन पांडव अपने आत्मबल और संघर्ष के बल पर विजयी हुए। ऐसा ही संघर्ष आज हमें करना होगा। उन्होंने साफ किया कि जिस पार्टी से उन्हें निकाला गया है—वे उस तरफ कभी मूहं नहीं करेंगे—बाकि डा. अजय चौटाला जो निर्णय लेंगे—वो मंजूर होगा। वे जन्म से लोकदली है और मरने तक लोकदली रहेंगे।