हिसार

नये नेता को आजमाने की जल्दी में नहीं भाजपा, डा. गुप्ता के खासमखास सुजीत पहले नंबर पर, ऐरन व सरदाना वेटिंग में

हिसार (राजेश्वर बैनीवाल)
नगर निगम चुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही मेयर बनने के इच्छुक नेताओं ने हाथ-पैर मारने शुरू कर दिये हैं। विधायक एवं चेयरमैन डा. कमल गुप्ता ने वार्ड संयोजकों की बैठक में भले ही मेयर बनने के इच्छुक नेताओं से नाम मांगे हैं लेकिन फिलहाल भाजपा हाईकमान संगठन से जुड़े नेता को ही इस पद के लिए आजमाने के प्रयास में है। ऐसे में मेयर बनने की लालसा में भाजपा में शामिल होने वालों के अरमानों पर पानी फिर सकता है।
जी हां, चुनावों की घोषणा के साथ ही मेयर बनने के इच्छुक नेताओं ने हाथ-पैर मारने शुरू कर दिये हैं वहीं विभिन्न पार्टियों ने भी अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों पर मंथन शुरू कर दिया है। सबसे पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को इस संबंध में बैठक करके चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं के नामों पर विचार-विमर्श किया है। विधायक एवं चेयरमैन डा. कमल गुप्ता के समक्ष अनेक नेताओं ने उम्मीदवारी जताई है लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा हाईकमान अभी इतनी जल्दबाजी में नहीं है। हाईकमान संगठन से जुड़े किसी नेता को ही इस पद के लिए आजमाना चाहता है। ऐसा नहीं है कि पार्टी में नये आने वाले नेताओं के नामों पर विचार नहीं हो रहा लेकिन उनके नाम पहले या दूसरे नंबर पर नहीं है। ऐसे में उनके अरमानों पर पानी फिरने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। यदि कोई ज्यादा ही मजबूरी हुई तो भाजपा हाईकमान दलबदलुओं पर दांव खेल सकता है लेकिन हाईकमान की पहली पसंद संगठन से जुड़ा नेता ही है।
पार्टी से जुड़े सूत्रों की माने तो विधायक डा. कमल गुप्ता के खासमखास एवं जिला महामंत्री सुजीत कुमार का नाम इस पद के लिए पहले नंबर पर है। वे पार्टी व संगठन से लंबे समय से जुड़े हुए हैं और जिले में पार्टी के लिए वे अच्छी खासी मेहनत कर रहे हैं। बताया जा रहा कि सुजीत कुमार नलवा विधानसभा क्षेत्र से टिकट लाने के इच्छुक है लेकिन पार्टी का ही एक नेता, जो विधायक डा. गुप्ता का खास है, वह सुजीत कुमार को मेयर का चुनाव लडऩे के लिए राजी करने का प्रयास कर रहा है। यदि हाईकमान से हरी झंडी मिल गई और तो सुजीत की राह में कोई अड़चन नहीं होगी क्योंकि विधायक डा. कमल गुप्ता पहले ही उनके खास है। यह भी चर्चा है कि सुजीत कुमार के लिए स्वयं डा. गुप्ता भी प्रयास करेंगे। यदि किसी कारणवश सुजीत कुमार को टिकट नहीं मिलती तो केवल उनका हरियाणवी संस्कृति से जुड़ाव न होना व पुराने नेताओं व कार्यकर्ताओं की नाराजगी ही मुख्य कारण होगा क्योंकि भाजपा के सत्ता में आने के बाद नये नेता तो पार्टी से जुड़े वहीं पुरानों को भूला दिया गया। सुजीत कुमार के प्रति भी पार्टी के एक खेमे में काफी नाराजगी है, लेकिन माना जा रहा है कि टिकट मिलने की हालत में इन नाराज लोगों को भी हांक कर ठीक कर लिया जाएगा।
पार्टी में हाल ही में शामिल हुए पंजाबी नेता गौतम सरदाना व नगर परिषद के पूर्व प्रधान हनुमान ऐरन या उनकी पत्नी रेखा ऐरन भी भाजपा उम्मीदवारों की सूची में अगले नंबर पर है। हनुमान ऐरन लगभग साढ़े तीन वर्ष से पार्टी में रहकर भाजपा की संस्कृति से घुलमिल गए हैं वहीं गौतम सरदाना भाजपा की नर्सरी कक्षा में है। यदि कोई ज्यादा ही मजबूरी हुई तो सरदाना के नाम पर मोहर लग सकती है अन्यथा उनसे पहले हनुमान ऐरन या रेखा ऐरन का नाम भाजपा की सूची में है। हनुमान ऐरन के रास्ते में केवल जातीय समीकरण आड़े आ रहे हैं, क्योंकि जिस समुदाय से हनुमान ऐरन हैं, उसी समुदाय से विधायक कमल गुप्ता हैं और यही एक कारण है कि गौतम सरदाना का नाम तीसरे विकल्प के रूप में रखा गया है ताकि आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए पंजाबी समुदाय को साधा जा सके।
एक ने जताई इच्छा, तो हंस पड़े कार्यकर्ता
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की बैठक के दौरान एक पार्टी नेता ने मेयर पद का चुनाव लडऩे की इच्छा जताई तो दूसरे कार्यकर्ता अपनी हंसी नहीं रोक पाये। हंसी का कारण साफ था कि उक्त नेता ने पिछली बार अपने वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे पूरे 100 वोट ही नहीं मिल पाये थे। ऐसे में उक्त नेता का मेयर पद के लिए चुनाव लडऩा किसी चुटकुले से कम नहीं है।
पुराने नेता फिर होंगे उपेक्षित
नगर चुनाव सीधे जनता से करवाने के सरकार के फैसले व लंबे समय से सरकार व संगठन में इज्जत मिलने की बाट जोह रहे पुराने नेता एक बार फिर उपेक्षा के शिकार होंगे। भाजपा हाईकमान अपने वरिष्ठों के नाम पर कोई विचार नहीं कर रहा है। ऐसे नेताओं को अब मजाक की दृष्टि से देखा जाने लगा है। मजाक-मजाक में ऐसे नेताओं को आडवाणी जी कहकर पुकारा जाने लगा है। इस चुनाव में भी हिसार के ये आडवाणी उपेक्षित ही रहेंगे और इनका इस्तेमाल केवल अगले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में वोट डालने के लिए ही किसी जाएगा।

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