फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
उपायुक्त डॉ. जेके आभीर ने गौवंश के चारे के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले ग्वार के नीरा को जलाए जाने से रोकने के सख्त निर्देश जारी किए है। स्टे्र कैटल फ्री अभियान की समीक्षा के लिए जिला में स्थापित विभिन्न गौशालाओं व नंदीशालाओं के साथ आयोजित बैठक में उपायुक्त के समक्ष यह बात रखी गई थी कि कुछ ईट भट्टा संचालक ग्वार के नीरा को जलाने में इस्तेमाल कर रहे है जिससे प्रदूषण भी फैलता है और पशु चारे की भी कमी होती है। गौशाला व नंदीशाला संचालकों ने बताया कि पूर्व में पशु चारे के लिए वे ग्वार के नीरा को खरीदते थे, क्योंकि यह काफी पौष्टिक होता है। इस पर उपायुक्त ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गलत ढग़ से ग्वार के नीरा को एकित्रत करने वाले तथा इसे जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाही अमल में लाएं। उन्होंने गौशाला व नंदीशाला संचालकों को सरकार की योजना के अनुसार 10 किलोवाट के सौर ऊर्जा प्रणाली का लाभ लेने की अपील करते हुए कहा कि इस योजना के तहत 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। इस प्रणाली को अपनाने के बाद गौशाला व नंदीशालाओं में बिजली कमी की कोई समस्या नही रहेगी। इसके अतिरिक्त गौशाला व नंदी संचालकों की मांग पर डॉ. आभीर ने आश्वासन दिया कि गौशाला व नंदीशालाओं को भी कृषि क्षेत्र के लिए लागू बिजली दरों के सामान दर पर बिजली उपलब्ध करवाने की दिशा में सरकार को निवेदन भेजा जाएगा।
उन्होंने पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ काशीराम को निर्देश दिए कि वे गौशालाओं व नंदीशालाओं के संचालकों से बेहतर तालमेल करके 31 दिसंबर तक जिला में बेसहारा घूम रहे गौवंश को आश्रय प्रदान करवाना सुनिश्चित करें। इसके लिए सभी गौशालाओं व नंदीशालाओं को क्षमता के अनुसार पशुओं को आश्रय देने के लिए भी कहा गया। डॉ आभीर ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक गौशाला व नंदीशाला में विभाग के पास उपलब्ध दवाओं की सूची चस्पा करें और समय-समय पर गौशाला व नंदीशालाओं का दौरा कर बीमार पशुओं का ईलाज करें। उपनिदेशक डॉ. काशीराम ने गौशाला व नंदीशाला के संचालकों को भी आश्वासन दिया कि वे जिस भी स्थान पर चिकित्सा शिविर लगाने को कहेंगे, वहां पर विभाग के डॉक्टर जाकर अपनी सेवाएं देंगे। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी गौशाला व नंदीशाला संचालकों को संबंधित पशु चिकित्सक के मोबाइल नंबर भी उपलब्ध करवा दिए जाए। उन्होंने कहा कि गौशाला व नंदीशाला संचालक अपनी जरूरत के अनुसार सेड लगवाने का कार्य करें, इस कार्य में गौसेवा आयोग द्वारा वित्तीय अनुदान प्रदान किया जाएगा। डॉ आभीर ने टोहाना क्षेत्र में एक नंदीशाला और स्थापित करने की संभावना तलासने व जिला में मृत पशुओं के निपटान के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर सिंह जांगू, एसडीएम सरजीत नैन, देवीलाल सिहाग, डीएसपी धर्मबीर पूनिया, सीएमजीजीए प्रियंका कंडोला, डीडीएएच डा. काशीराम सहित जिला में 59 नंदीशालाओं व गौशालाओं की समिति के सदस्य उपस्थित थे।