हिसार,
हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2016 में भर्ती हुए 365 रोडवेज चालकों को नौकरी से हटाने का निर्णय के तहत फरीदाबाद डिपो के 37 चालकों को नौकरी से हटाने के आदेश जारी करने के खिलाफ रोडवेज कर्मचारियों ने आज रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के बैनर तले मीटिंग कर रोष प्रदर्शन करते हुए जोरदार नारेबाजी की। गेट मीटिंग व रोष प्रदर्शन की अध्यक्षता डिपो प्रधान राम सिंह बिश्रोई, सतपाल डाबला, रमेश माल, पवन बूरा, रामफल कादयान व राजबीर दूहन ने संयुक्त रूप से की।
मीटिंग को संबोधित करते हुए तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा, रमेश सैनी व जयभगवान बडाला ने कहा कि सरकार अपने खास चहेतों की 700 प्राइवेट बसें ठेके पर लेकर उनको लाभ पहुंचाना चाहती है, जिसके विरोध में रोडवेज कर्मचारियों द्वारा जनहित में 18 दिन हड़ताल की गई थी, जिसको प्रदेश भर के कर्मचारी संगठनों, ग्राम पंचायतों, खाप पंचायतों, छात्र-छात्राओंं व आम जनता का भारी समर्थन मिला था। माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए यह हड़ताल समाप्त कर दी गई थी। हड़ताल के तुरंत बाद से सरकार द्वारा रोडवेज विभाग को तहस-नहस करते हुए लगातार तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं। स्टाफ की भारी कमी के बावजूद ओवर टाईम करने, ग्रामीण क्षेत्रों में बसों का रात्रि ठहराव बंद करने के बाद 365 चालकों को नौकरी से हटाने के आदेश जारी किए गए हैं। जिससे जनकल्याणकारी रोडवेज विभाग खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है।
आम जनता को परिवहन सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि 365 चाकों को नौकरी से हटाने के निर्णय सहित तमाम जनविरोधी फैसलों को रद्द नहीं किया गया तो रोडवेज कर्मचारी चुप नहीं बैठेंगे और एक बार फिर प्रदेश की जनता का सहयोग लेकर लम्बा आंदोलन चलाने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि आगामी आंदोलन की रणनीति 5 दिसंबर को रोहतक में होने वाली रोडवेज तालमेल कमेटी की बैठक में तय की जाएगी।
मीटिंग को कुलदीप पाबड़ा, दीपक बल्हारा, अरूण शर्मा, सुभाष ढिल्लो, सुरजमल पाबड़ा, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान सुरेंद्र मान, का. रूप सिंह आदि ने भी संबोधित किया और प्रदेश सरकार पर उच्च न्यायालय की अवमानना करने का आरोप लगाया।
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