फतेहाबाद

फर्जीवाड़ा : ना कार्यालय और ना ही कोई लेन—देन, फिर भी कर लिए करोड़ों के वारे—न्यारे

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
शहर में इन दिनों फर्जी कपंनियां बनाकर करोड़ों रुपए के टैक्स चोरी का धंधा बड़े जोरों शोरों से चल रहा है। डीईटीसी (जिला आबकारी एवं कराधान कमिश्नर) की टीम की नजर में ऐसी आधा दर्जन कंपनियां आई हैं, जो केवल कागजों में करोड़ों रुपए का लेनदेन कर सरकार को टैक्स का नुकसान पहुंचा रही हैं। ऐसी ही चार कंपंनियों पर टैक्स विभाग की नजर है। इनमें दो फतेहाबाद के भूना रोड और दो कंपनियां रतिया की हैं।
चौकान्ने वाली बात तो यह है कि जब टैक्स विभाग के अधिकारियों ने कंपंनी द्वारा बताए गए कार्यालय के पते पर जांच की तो वहां न तो कोई इंडस्ट्री थी और न ही कोई कार्यालय। अगर कुछ था तो वहां खाली प्लॉट, झुग्गी झोपडिय़ां और दीवार पर लगे बोर्ड। वहीं महम की एक ऐसी कंपनी भी सामने आई है, जो रजिस्टर्ड तो म्यूजिक्ल इंस्ट्रूमेंट खरीद बेच के लिए थी, मगर कंपनी ने अक्टूबर और नवंबर दो माह में कॉटन खरीद बेचकर 67 करोड़ 65 लाख 79 हजार के बिल काट दिये।
डीईटीसी वीके शास्त्री ने बताया कि फतेहाबाद जिले की कंपनियां केवल कागजों में चलाई जा रही हैं। धरातल पर ना कोई दफ्तर मिला है और ना ही माल आने और जाने का कोई रिकॉर्ड मिला है। कंपनी के संचालक केवल कागजों में माल खरीदते हैं बेचते हैं। इनके यहां करोड़ों की ट्रांजक्शन भी होती है और टैक्स की चोरी भी। यह फर्जी कपंनियां जहां से माल खरीद रही हैं, जिसे बेची जा रही है जिस वाहन पर माल ला जाता है और जहां माल का स्टॉक किया जाता, उनका वास्तव कोई अस्तित्व ही सामने नहीं आया।
विभागीय जांच में केवल नवंबर और दिसंबर माह में इन चारों कपंनियों ने करीब 67 करोड़ के बिल काटे है। जिनमें फतेहाबाद के भूना रोड स्थित एक कंपनी ने 18 करोड़ 47 लाख, दूसरी कंपनी ने 13 करोड़ 86 लाख, रतिया की एक कंपनी ने 13 करोड़ 66 लाख और दूसरी कंपनी ने 21 करोड़ के बिल मात्र दो महीने में काटे हैं। फिलहाल कर विभाग के अधिकारी इसकी गहनता से जांच में जुटे हैं और अपने आला अधिकारियों के संज्ञान में मामला ला दिया गया है। बता दें कि इन कपंनियों द्वारा अधिकांश लेनदेन कॉटन सेल-परचेज की दिखाई गर्ई है।

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