हिसार,
सामाजिक कार्यकर्ता रवि ताखर ने एक बेसहारा लड़की को उसके घर तक पहुंचाकर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया। रवि ताखर को किसी ने फोन सूचना दी कि एक 10-12 वर्षीय लड़की बेसहारा हालत में हिसार के रेलवे स्टेशन पर रो रही है जिस पर वे तुरंत रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और लड़की को संभाला। लड़की से बात करने पर उसने खुद का नाम संजना, पिता का नाम रणवीर व मां का नाम ऋतु बताया। लड़की संजना ने बताया कि उसकी मां ऋतु ने पिता से तलाक लेकर कहीं और लव मैरिज कर ली है। वो हिसार में कहीं रहती है। वे तीन बहन और एक भाई हैं। वह दादरी के पास मोरवाल गांव में अपने पिता के पास ही रहती है जबकि उसकी अन्य बहनें व भाई उसकी मां के पास रहते हैं। उसकी बड़ी बहन उसके गांव आई और किसी का बर्थ-डे मनाने की बात कहकर उसे बहला-फुसला कर हिसार ले आई। हिसार में उसे उसकी मां भी रेलवे स्टेशन पर मिली। उसे केले लेकर आने की बात कहकर उसकी मां व बड़ी बहन उसे अकेला व बेसहारा हालत में स्टेशन पर छोड़ गई। लड़की ठंड में बुरी तरह कांप रही थी और रो रही थी। लड़की के पास अपने पिता का कोई फोन नंबर इत्यादि भी नहीं था। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना रेलवे पुलिस को दी और लड़की को लेकर रेलवे पुलिस के पास गए जहां पुलिस कर्मी ऊषा शर्मा ने उसे रात को शैशव कुंज भिजवाया।
रवि ताखर ने दादरी में अपने सहयोगी भानू यादव से बात की और लड़की के पिता तक इस बात की सूचना पहुंचाई। उन्होंने गांव के सरपंच से भी बात की और लड़की के बारे में जानकारी हासिल की। सरपंच ने बताया कि लड़की का पिता ग्राम पंचायत में सफाई कर्मचारी का कार्य करता है। सूचना मिलने पर सुबह लड़की का पिता रणवीर गांव से हिसार आया और लड़की संजना को उसके सुपुर्द किया गया। लड़के के पिता की आर्थिक हालत भी काफी नाजुक थी जिस पर रवि ताखर ने अपनी तरफ कुछ आर्थिक सहायता भी दी। रवि ताखर ने कहा कि बेसहारा बच्चों का फायदा उठाकर कुछ घटिया मानसिकता के लोग उनके अपहरण व बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं और वे समय पर नहीं पहुंचते तो उक्त लड़की के साथ कुछ भी हो सकता था। उन्हें समय पर इसकी सूचना मिलते ही तुरंत लड़की की सहायता कर उसके परिजनों तक पहुंचाया इस बात का उन्हें संतोष है।