पंचकूला,
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। गुरमीत को सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाई गई। बता दें कि राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। कोर्ट के आदेश के अनुसार राम रहीम को पहले केसों में हुई सजा को काटने होगा, इसके बाद उम्रकैद की सजा चलेगी। इससे साफ है कि अब राम रहीम का जेल से बाहर आना संभव नहीं है। सभी आरोपियों पर 50—50 हजार रुपए का जुर्माना भी कोर्ट द्वारा लगाया गया है।
Journalist Ramchandra Chhatarpati murder case: Three other convicts Kuldeep Singh, Nirmal Singh and Krishan Lal, have also been awarded life imprisonment. The Court has also imposed a fine of Rs 50,000 each. https://t.co/rclAjUMaCs
— ANI (@ANI) January 17, 2019
गौरतलब है कि 11 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में दोषी करार दिया था। राम रहीम के अलावा 3 और लोगों को आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या और 120 बी यानी आपराधिक साजिश के तहत दोषी ठहराया गया था। इसी के चलते आज सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। राम रहीम की सजा को देखते हुए पंचकुला समेत हरियाणा के उन तमाम शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है जहां डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव है।
सिरसा में कल पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला। सिरसा में दो महिला पुलिसबल की कंपनी समेत कुल 12 कंपनियां बाहर से मंगवाई गई हैं। यहां सीआरपीएफ की 2 टुकड़ियां को भी अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा पंचकुला, फतेहाबाद में सुरक्षा सख्त है।
क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला 16 साल पुराना है। साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रामचंद्र छत्रपति लगातार अपने समाचार पत्र में डेरे में होने वाले अनर्थ से जुड़ी ख़बरों को छाप रहे थे। उनके परिवार ने इस संबंध में मामला दर्ज कराया था। उनकी याचिका पर कोर्ट ने इस हत्याकांड की जांच नवंबर 2003 को सीबीआई के हवाले कर दी थी। 2007 में सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था।
‘पूरा सच’ अखबार ने किया था खुलासा
सिरसा में हुए दो साध्वियों के साथ हुए रेप की खबर को छत्रपति ने अपने अखबार ‘पूरा सच’ में छापा था। ये पूरी घटना कई दिनों तक दबी रही थी। इस पूरी घटना का खुलासा जिस गुमनाम चिट्ठी से हुआ वो छत्रपति ने अपने अखबार में प्रकाशित की थी। उस वक्त यह चिट्ठी तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, चीफ जस्टिस पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, समेत कई संस्थानों में भेजी थी। तीन पेज की चिट्ठी हाथ आने के बाद छत्रपति ने डेरा प्रमुख के बारे में अपने अखबार में छापा था। इसके कुछ दिन बाद ही पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस चिट्ठी का संज्ञान लेते हुए सिरसा के डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज को इसकी जांच कराने का आदेश दिया। इसके बाद जज ने यह जांच सीबीआई को सौंपी।
अक्टूबर 2002 में हुई हत्या
अक्टूबर 24, 2002 को छत्रपति पर घर के बाहर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला किया। उनकी गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई। पिता की हत्या के बाद उनका बेटा अंशुल न्याय के लिए भटकता रहा, लेकिन आखिरकार आज इस मामले में कोर्ट राम रहीम की सजा पर फैसला सुनाएगा।
मामला कब दर्ज हुआ
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चिट्ठी पर संज्ञान लेने के बाद दिसंबर 2002 में सीबीआई की चंडीगढ़ यूनिट ने इस मामले में धारा 376, 506 और 509 के तहत मामला दर्ज किया था और जांच की। इस मामले में राम रहीम को जेल भी हुई थी।