उत्तर प्रदेश

30 लाख में किडनी..80 लाख में लीवर बेचने वाले गिरफ्तार, विदेशों तक जुड़े है रैकिट के तार

कानपुर,
किडनी और लीवर बेचने वाले एक बड़ा रैकिट का खुलासा हुआ है। यह रैकिट कानपुर से दिल्ली, नोएडा तक फैला था। जांच के दौरान पुलिस को कई चौंकाने वाले तथ्य पता चले हैं। बताया जा रहा है कि इस रैकिट में दिल्ली का एक बहुत बड़े अस्पताल का नाम भी सामने आ रहा है।

पुलिस ने बताया कि बांदा की एक महिला को किडनी बेचने पर भारी रकम मिलने का लालच दिया गया। महिला को बांदा से गाजियाबाद के एक अस्पताल में भेजा गया। महिला को वहां भेजने के पहले उसके फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए गए। महिला वहां गई, लेकिन बिना किडनी दिए वापस आ गई। उसके बाद से महिला पर लगातार किडनी बेचने का दबाव डाला जाने लगा।

गैंग से परेशान होकर महिला ने कानपुर के बर्रा थाने में तहरीर दी। पुलिस ने महिला की शिकायत के बाद जांच शुरू की और कुछ लोगों को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए लोगों के पास से कई फर्जी दस्तावेज, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, कई लोगों की तस्वीरें, शैक्षिक प्रमाणपत्र और कई अधिकारियों के नाम वाले स्टैंप भी बरामद हुए।

एक बड़ा डॉक्टर भी शामिल
पुलिस का दावा है कि इस रैकिट में एक बड़ा डॉक्टर भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में पश्चिम बंगाल के राजाराट कमर शिपतला निवासी टी राजकुमार राव उर्फ राजू, यूपी के लखीमपुर खीरी निवासी गौरव मिश्रा, दिल्ली के बदरपुर निवासी शैलेश सक्सेना, लखनऊ काकोरी के सबूर अहमद, कानपुर पनकी गंगागंज के विक्की सिंह और लखनऊ विक्टोरिया स्ट्रीट का शमशाद अली शामिल है।

गरीबों को किडनी बेचने के लिए फंसाता था गैंग
एसपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये ग्रामीण ओर पिछड़े इलाके के लोगों को किडनी बेचने के लिए जाल में फंसाते थे। गैंग का लीडर टी. राजकुमार कई साल पहले खुद किडनी बेच चुका है। वह लोगों को अपना उदाहरण देता था। उन्हें किडनी बेचने के लिए तैयार करता था।

30 लाख में किडनी, 80 लाख में बिकता था लीवर
गैंग पूरी चेन के तहत दिल्ली के नामी अस्पताल तक लोगों को ले जाते थे। वहां उनकी किडनी बेची जाती थी। पूछताछ में सामने आया कि किडनी बेचने वाले व्यक्ति को 3 से 5 लाख रुपये बमुश्किल दिए जाते थे जबकि दिल्ली के अस्पताल में यह किडनी 30 लाख रुपये से भी ज्यादा में बेची जाती थी। वहीं, लीवर 70 से 80 लाख रुपये में बेचा जाता था।

विदेशों तक फैले तार!
मानव अंग के व्यापार के मामले में अब तक कई और चौंकाने वाली बात सामने आई है। पुलिस ने बताया कि 13 और कारोबारियों के नाम सामने आ रहे हैं। दबिश के बाद उन सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। हैरानी वाली बात यह है कि किडनी बेचने वालों को विदेशों तक ले जाया जाता है। श्रीलंका और टर्की में भी उनकी किडनियां ले जाकर बेची गई हैं।

एसआईटी की गई गठित
किडनी लीवर रैकेट मामले में खुलासे के बाद कानपुर एसएसपी ने एसआईटी का गठन किया है। इस एसआईटी में एसपी और दो इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है। यह टीम दिल्ली के हॉस्पिटल जाकर आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी। एसएसपी ने बताया कि टीम दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk