भादरा,
गोगामेड़ी मेले के दौरान देवस्थान विभाग में हुए बहुचर्चित गबन के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। गबन के मामले में गिरफ्तार कैशियर ने पूछताछ के दौरान चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि गबन की गई सवा करोड़ रुपए की रकम वह पर्ची सट्टे में हार गया। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने हनुमानगढ़ के कुख्यात सटोरिए को चूरू जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रिकवरी का प्रयास कर रही है।
थाना प्रभारी महेंद्र मीणा ने बताया कि रिमांड के दौरान पूछताछ में देवस्थान विभाग के कैशियर शिवकिशन ने कबूल किया कि उसे नंबरी सट्टा लगाने का शौक है। नोहर न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट हासिल कर चिमन लाल को चूरू जेल से गोगामेड़ी लाया गया। उसे रविवार को नोहर कोर्ट में पेश कर 22 मार्च तक रिमांड पर लिया है। रिमांड अवधि में पुलिस चिमन लाल से गबन की रकम बरामदगी के प्रयास करेगी।
पूछताछ में शिवकिशन ने बताया कि चिमनलाल के गुर्गे गोगामेड़ी आकर सट्टे की राशि लेकर जाते थे और शिवकिशन ने पूर्व में पुलिस को गुमराह करने के लिए कहा था कि उसके रुपयों को भरा बैग चोरी हो गया था। इसको लेकर वह अपने साथी कर्मचारियों को साथ में फंसाना चाहता था लेकिन थाना प्रभारी महेंद्र मीणा की कड़ी मेहनत के बाद इस पूरे गबन का खुलासा हो पाया है। गबन के इस मामले में देवस्थान विभाग सहित कई अन्य विभागों की लापरवाही भी सामने आई है और उन पर भी इसको लेकर विभागीय नोटिस जारी हो सकता है।
गोगामेड़ी थानाप्रभारी महेंद्र मीणा ने बताया कि आरोपियों से रिमांड अवधि में गहन पूछताछ कर रही है। गबन की राशि सट्टे में लगाना कबूल किया है। चूरू से प्रोडक्शन वारंट पर लाए गए सटोरिए से भी पूछताछ जारी है।
ऐसे लगा चस्का
बीकानेर में देवस्थान विभाग नौकरी के दौरान कैशियर शिवकिशन सट्टे में छोटी राशि का दांव लगाता था लेकिन हनुमानगढ़ में नियुक्ति के दौरान उसका संपर्क सटोरिए चिमन लाल सिंधी से हुआ। पहली बार उसने पांच लाख का पर्ची सट्टा लगाया और वह हारे हुए पैसे कवर करने और रातों-रात अमीर बनने के लालच में इस कदर अंधा हुआ कि नौकरी ही दांव पर लगा दी। गोगामेड़ी मेले की बोली और गल्ले की एक करोड़ 24 लाख 76 हजार 687 रुपए जो कि उसे राजकोष में जमा कराने थे वह राशि 17-18 बार में निकाल कर सट्टे में लगा दी। इस तरह से गबन की गई सारी राशि चिमन लाल सिंधी के पास हार गया।
यह है मामला
देवस्थान विभाग की सहायक आयुक्त दीपिका मेघवाल ने गत 12 दिसंबर 2018 को गोगामेड़ी थाना में केस दर्ज कराया था। इसमें बताया कि गोगामेड़ी मेला वर्ष 2018 में 11 माह के लिए अस्थाई दुकानों की बोली लगाई गई। इसमें विभाग को आय हुई थी जिसको राजकोष में जमा कराने का दायित्व कैशियर का था। राशि को विभाग के पीडी खाते में जमा करवानी थी लेकिन मेला समापन के बाद भी कैशियर शिवकिशन पुरोहित एवं एएओ-2 परमिंदर सिंह ने मेले से संबंधित रिकॉर्ड पूर्ण रूप से संधारित कर पेश नहीं किया।
इस पर दोनों कर्मचारियों को कई बार नोटिस दिए गए। इसके बाद मुख्यालय से विशेष जांच दल बुलाया गया। जांच दल की ओर से एक करोड़ 24 लाख 58 हजार 522 रुपए रूपये की राशि का प्रथम दृष्टया गबन होना माना गया। इसके बाद केस दर्ज कराया गया। देवस्थान विभाग जयपुर के अदेशानुसार गबन की राशि की गणना संबंधित पुन: कमेटी गठित की जाकर 7 जनवरी 2019 से 12 जनवरी तक गणना करवाए जाने पर गोगाजी मंदिर की गोगामेड़ी की गबन की राशि एक करोड़ 24 लाख 76 हजार 687 रुपए पहुंच गई।
गबन का इस तरह हुआ था खुलासा
देवस्थान विभाग ने राशि जमा नहीं कराने पर विभागीय जांच कराई जिस पर इस राशि का गबन पाए जाने पर गोगामेड़ी पुलिस थाने में केस दर्ज कराया गया। मुकदमे के बाद तीन माह तक शिवकिशन राजपुरोहित फरार रहा। उच्चाधिकारीयों के निर्देश पर गोगामेड़ी थानाधिकारी महेंद्र मीणा के नेतृत्व में गठित टीम ने 5 मार्च को उसे गिरफ्तार कर तीन बार रिमांड पर लिया। रिमांड के दौरान गहनता से पूछताछ में हनुमानगढ़ के सटोरिए चिमन लाल सिंधी का नाम सामने आया। चिमन लाल 12 मार्च को सालासर में सट्टे की खाईवाली करते हुए पकड़ा गया था।