फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी द्वारा एक रेहड़ी वाले की कुछ पिल्लों (कुत्ते के बच्चे) की मौत से संबन्धित शिकायत पर लिए गए एक्शन से फतेहाबाद के प्रशासन की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, शिकायत करने वाले ने पिल्लों की मौत के लिए प्रशासन के मार्किट कमेटी विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि पिल्लों की मौत भूख-प्यास की वजह से हुई, क्योंकि जिस जगह पर पिल्ले मृत पाए गए वहां हाल ही में मार्किट कमेटी विभाग ने अवैध कब्जा खाली करवाकर चार दिवारी बनवाई थी। जब चार दिवारी का काम पूरा हुआ तो करीब 7 पिल्ले चार दिवारी के बीच मे ही रह गए।
शिकायतकर्ता राजेश का कहना है कि चार दिवारी के बाद वह इन पिल्लों को खाने के कि लिए चीज़ डाल देता था लेकिन कमेटी प्रशासन ने उसे ऐसा करने से रोक दिया था। इसके बाद काफी दिन तक वह पिल्लों को कुछ नहीं डाल पाया और अंदर भूख-प्यास से तड़पते ये पिल्ले मृत पाए गए। राजेश ने बताया कि उसने शिकायत केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की जीव रक्षा संस्था पीपल्स फॉर एनिमल को मेल की तो मेनका गांधी की ओर से फोन पर उसे पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज करवाने के लिए कहा गया।
राजेश ने शिकायत बस स्टैंड चौकी में दी। इसके बाद पुलिस ने वेटरनरी विभाग के सर्जन मौके पर बुलाये। डॉक्टर्स की टीम के सदस्य डॉ. विक्रम ने बताया कि मृत कुत्तों के बच्चों का शरीर पूरा गल चुका है सिर्फ कंकाल ही बचा है। ऐसे में पोस्टमार्टम के लिए सेंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि जांच शुरू कर दी गई है। वेटरनरी सर्जन पोस्टमार्टम कार्रवाई कर रहे हैं और पुलिस की ओर से शिकायरकर्ता राजेश के बयान पर रोजनामचा रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। पिल्लों की मौत के मामले में डॉक्टर्स की रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।